लखनऊ में हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति व फीस अटकी
राजधानी के इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ ही विश्वविद्यालय के करीब आठ हजार छात्रों की छात्रवृत्ति व फीस लटक गई है। इनमें अधिकांश छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति बोर्ड से रोल...
राजधानी के इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों व अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ ही विश्वविद्यालय के करीब आठ हजार छात्रों की छात्रवृत्ति व फीस लटक गई है। इनमें अधिकांश छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति बोर्ड से रोल नम्बर मिलान न होने के कारण संदिग्ध श्रेणी में पहुंच गई है। इनमें यूपी बोर्ड, सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड तक छात्र शामिल हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव के कारण इस बार छात्रों को दो माह पहले ही छात्रवृत्ति वितरण शुरू हो गया है। इस बीच करीब आठ हजार छात्र संदिग्ध श्रेणी में आ गए हैं। इनमें कुछ छात्रों ने ऑनलाइन आवेदन भरने के दौरान गलती की और जांच में संदिग्ध पाए गए। अब छात्र परेशान हैं।.
आय प्रमाणपत्र की वजह से रुकी छात्रवृत्ति
एक आय प्रमाणपत्र कई जगह लगे होने के कारण भी छात्रवृत्ति रुक गई है। यानी एक ही आय प्रमाणपत्र दो भाइयों या बहनों द्वारा लगाया गया। सालाना आय अधिक होने की वजह से भी कुछ की छात्रवृत्ति संदिग्ध श्रेणी में आ गई है।
15 फरवरी तक छात्र अपना डाटा ठीक कराएं
ऐसे छात्र जिनके छात्रवृत्ति के स्टेटस में रोल नम्बर मैच न करने का कारण पेंडिंग एट डिस्ट्रिक स्कालरशिप कमेटी दिखा रहा, वह इसे ठीक करा सकते हैं। एससी-एसटी और सामान्य वर्ग के ऐसे छात्र एक प्रार्थना पत्र और मार्कशीट व अन्य दस्तावेज लगाकर, कॉलेज से फारवर्ड कराएं, और समाज कल्याण कार्यालय में जमा करा दें। वह आपने कॉलेज में भी जमा कर सकते हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी केएस मिश्र बताते हैं कि इनकम सार्टीफिकेट नॉट मैच वाले छात्र भी आय प्रमाणपत्र और अपने भाई या बहन द्वारा छात्रवृत्ति का आवेदन किए जाने के प्रमाण के साथ मिल सकते हैं। अंतिम तारीख 15 फरवरी है। गलत जानकारी देने, या अपूर्ण फार्म भरने वालों का डाटा सही नहीं होगा।
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