टेरिटोरियल आर्मी में हो सकती है महिलाओं की एंट्री
रक्षा मंत्रालय ने टेरिटोरियल आर्मी में महिलाओं की भर्ती के बारे में आने वाले दिनों में निर्णय ले सकता है। इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद रक्षा मंत्रालय इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार...
रक्षा मंत्रालय ने टेरिटोरियल आर्मी में महिलाओं की भर्ती के बारे में आने वाले दिनों में निर्णय ले सकता है। इस बारे में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के बाद रक्षा मंत्रालय इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार करेगी। वैसे, भी इन दिनों सैन्य बलों में महिलाओं को महत्वपूर्ण भूमिकाएं दी जा रही हैं।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि कोर्ट के फैसले का विस्तृत अध्ययन करने और उस पर सेना की राय जानने के बाद इस दिशा में आगे बढ़ा जाएगा। दरअसल, एक दिन पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रादेशिक सेना (टेरिटोरियल आर्मी) में महिलाओं की भर्ती के पक्ष में फैसला दिया है। अदालत ने कहा कि सेना अधिनियम का जो भी प्रावधान प्रादेशिक सेना में महिलाओं की भर्ती को रोकता है, वह संविधान के तहत भारतीयों को मिले मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। दिल्ली हाईकोर्ट की कार्यवाहक चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि सेना अधिनियम की धारा-6 के कोई भी व्यक्ति का मतलब महिला और पुरुष होना चाहिए। गौरतलब है कि वायु सेना ने 2016 में महिला पायलटों का पहला बैच शामिल कर लिया था। जून 2017 में थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने लड़ाकू भूमिका के लिए महिलाओं की भर्ती के संकेत दिए हैं। मिलिट्री पुलिस में महिलाओं की भर्ती शुरू भी कर दी गई है। ऐसे में टेरिटोरियल आर्मी में महिलाओं पर प्रतिबंध का अब कोई औचित्य नहीं है।
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