पटना में सम्बद्धता प्राप्त निजी कॉलेजों की संख्या बढ़ी
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) में सम्बद्धता कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। नए सत्र 2022-23 में ही प्पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की ओर से दो स्थायी और 17 अस्थायी कॉलेजों की मान्यता दी गई है।
पटना जिले में अलग-अलग विश्वविद्यालयों के माध्यम से सम्बद्धता प्राप्त निजी कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। जबकि सरकारी कॉलेजों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। सरकारी कॉलेजों में स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्सों में सीटों की संख्या बढ़ी है।
पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) में सम्बद्धता कॉलेजों की संख्या बढ़ी है। नए सत्र 2022-23 में ही प्पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की ओर से दो स्थायी और 17 अस्थायी कॉलेजों की मान्यता दी गई है। इसके अलावा सात लॉ कॉलेजों को मान्यता मिली। वहीं, बीएड कॉलेजों की संख्या भी 50 से अधिक है। निजी कॉलेजों में ज्यादातर वोकेशनल कोर्सों को शुरू करने के लिए मान्यता दी गई है। इसमें बीसीए, बीबीए और बीकॉम कोर्स भी शामिल है।
इसके अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों में बीकॉम को सेल्फ फाइनेंस कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी गई। मौलाना मजहरुल अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. रवींद्र नाथ ओझा ने बताया कि स्नातक स्तरीय छह कॉलेजों की सम्बद्धता और एक बीएड कॉलेज को मान्यता मिली। यहां पर 31 बीएड कॉलेज सम्बद्धता प्राप्त हैं। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ने भी कई कॉलेजों की मान्यता प्रदान कीहै। यहां से नर्सिंग, पारा मेडिकल सहित वोकेशनल कोर्सों की पढ़ाई के लिए मान्यता दी गई है। विश्वविद्यालय से लगभग 250 कॉलेज संबंद्धता प्राप्त हैं।
दूसरे राज्यों में जाते हैं मेधावी छात्र-छात्राएं
इंटर के बाद मेडिकल व इंजीनियरिंग की तैयारी करने के लिए काफी संख्या में छात्र दूसरे राज्यों में जाते हैं। मेधावी छात्र छात्राएं स्नातक बीए, बीएससी सहित कई वोकेशनल कोर्स में नामांकन के लिए दूसरे राज्य में जाते हैं। ज्यादातर छात्र दिल्ली विवि, काशी हिन्दू विवि सहित कई अन्य कॉलेजों में नामांकन लेते हैं। आर्थिक तौर पर मजबूत परिवार के बच्चे दूसरे राज्यों में जाकर पढ़ाई करते हैं।
सम्बद्धता प्राप्त कॉलेजों में नियमित पढ़ाई
सरकारी कॉलेजों की तुलना में सम्बद्धता प्राप्त कॉलेजों में फीस अधिक है पर यहां नियमित पढ़ाई होती है। छात्र-छात्राएं क्लास भी करने आते हैं। इसकी तुलना में सरकारी कॉलेजों में छात्र नामांकन तो करा लेते हैं पर क्लास नहीं करने आते हैं। यह बड़ी समस्या है। वहीं सरकारी कॉलेजों में नामांकन करा अन्य जगह तैयारी में लग जाते हैं।
शिक्षा विभाग ने पटना विश्वविद्यालय के चार कॉलेजों में सीटों की संख्या बढ़ाई थी। इसमें पटना कॉलेज में 600 सीटों को बढ़ाकर 780 किया गया। साइंस कॉलेज में 600 से बढ़ाकर 660, पटना वीमेंस कॉलेज में 256 और आर्ट कॉलेज में 60 सीट को बढ़ाकर 75 कर दी गई। इसके अलावा कुछ नए वोकेशनल कोर्सों को मंजूरी दी गई। पटना विश्वविद्यालय के डीन प्रो. अनिल कुमार ने बताया कि सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। इसी के आधार पर नामांकन भी हुआा।
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