Hindi Newsकरियर न्यूज़Notice to 1955 schools not registered under RTE

आरटीई में पंजीकरण नहीं कराने वाले 1955 स्कूलों को नोटिस

स्कूलों की लापरवाही के कारण कई बच्चों को शिक्षा अधिकार का लाभ नहीं मिल पाया जिसके लिए करीब दो हजार स्कूलों को नोटिस भेजा गया है। देहरादून में नोटिस जारी करने के बाद विभाग अब बाकी जिलों में भी नोटिस

Alakha Ram Singh विशेष संवाददाता, देहरादूनWed, 29 May 2024 08:11 AM
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शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई) के तहत गरीब बच्चों के एडमिशन से बचने के लिए शिक्षा विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराने वाले राज्य के 1955 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं। डीजी-शिक्षा बंशीधर तिवारी ने मंगलवार को बताया कि सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को पंजीकरण नहीं कराने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं। इन 1955 स्कूलों के शिक्षा विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करने की वजह से इस साल आरटीई कोटे में काफी कम सीटें दर्ज हुई हैं। नतीजतन बड़ी संख्या में बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून का लाभ नहीं मिल पाया।

राज्य में मान्यताप्राप्त प्राइवेट स्कूलों की संख्या 4433 है। आरटीई कोटे के तहत नियमानुसार हर साल को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाते हुए अपने स्कूल की आरटीई कोटे के लिए तय 25 प्रतिशत सीटों का ब्योरा देना होता है, लेकिन इस साल 2478 स्कूलों ने ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया। बाकी 1955 स्कूलों ने आरटीई एडमिशन से दूरी बना ली। इसका सीधा असर राज्य में आरटीई कोटे की सीटों पर पड़ा। 30 हजार से अधिक रहने वाले सीटें घटकर 22 हजार 883 पर सिमट गईं। डीजी शिक्षा ने बताया कि स्कूलों की लापरवाही को गंभीरता से लिया गया है। उनका जवाब तलब कर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की वजह पूछी जा रही है। संतोषजनक जवाब न देने वाले स्कूलों की मान्यता भी सस्पेंड की जा सकती है।

आचार संहिता के बाद एक बार फिर होंगे एडमिशन
आरटीई कोटे के तहत एडमिशन से चूके छात्र-छात्राओं को जल्द ही दोबारा आवेदन करने का मौका मिलेगा। एपीडी-समग्र शिक्षा अभियान डॉ. मुकुल कुमार सती ने बताया कि विभागीय स्तर पर एडमिशन प्रक्रिया की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। आचार संहिता समाप्त होने के बाद दोबारा से आवेदन मांगे जाएंगे। जो छात्र प्रथम चरण में एडमिशन से चूक गए है, वो दोबारा प्रयास कर सकते हैं। 

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