NIOS DElEd पर कोर्ट के आदेश से 2 लाख शिक्षकों को होगा फायदा
पटना हाईकोर्ट ने 18 माह का डीएलएड कोर्स करने वाले शिक्षकों को राहत दी है। कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों को भी शिक्षक नियोजन में शामिल करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि 30 दिनों के भीतर ऐसे शिक्षकों से...
पटना हाईकोर्ट ने 18 माह का डीएलएड कोर्स करने वाले शिक्षकों को राहत दी है। कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों को भी शिक्षक नियोजन में शामिल करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि 30 दिनों के भीतर ऐसे शिक्षकों से आवेदन लेकर नियोजन प्रक्रिया पूरी करें। कोर्ट के इस आदेश से राज्य के दो लाख 63 हजार 116 डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) धारी शिक्षकों को लाभ मिलेगा। इनमें ज्यादातर निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक हैं। मंगलवार को न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा की एकलपीठ ने संजय कुमार यादव सहित 303 शिक्षकों की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद फैसला दिया।
आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया गत वर्ष जुलाई से चल रही है, लेकिन राज्य सरकार ने 18 माह के डीएलएड धारी शिक्षकों को नियोजन में शामिल करने से मना कर दिया। उनका कहना था कि दो वर्षीय डीएलएड कोर्स में छह माह का समय शिक्षकों को उनके द्वारा सरकारी, गैर सरकारी, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में किए गए कार्य अनुभवों पर दिया जाता है। एनसीटीई कानून में कोर्स करने की मियाद में 6 माह का शिथिलीकरण देने का प्रावधान है।
प्रधान सचिव का आदेश रद्द
कोर्ट ने शिक्षक नियोजन में 18 माह के डीएलएड कोर्स को मान्यता देने के लिए एनसीटीई से जवाब-तलब किया था। एनसीटीई ने 18 माह के डीएलएड कोर्स को सिर्फ इनसर्विस शिक्षकों के लिए मान्य बताया। लेकिन शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश जारी कर 18 माह के डीएलएड कोर्स डिप्लोमाधारी उम्मीदवारों को भी शिक्षक नियोजन के लिए आवेदन देने से रोक लगा दी थी। कोर्ट ने प्रधान सचिव के आदेश को निरस्त करते हुए डीएलएड कोर्सधारी उम्मीदवार शिक्षकों को शिक्षक नियोजन में शामिल करने का आदेश दिया।
निजी स्कूलों के दो लाख शिक्षकों को फायदा
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान द्वारा डीएलएड कराया गया था। इसमें उन शिक्षकों को डीएलएड करवाया गया था जो अप्रशिक्षित थे। इनमें राज्य भर से दो लाख 63 हजार 116 शिक्षक शामिल हुए थे। इनमें दो लाख छह हजार 42 शिक्षक केवल निजी स्कूल के हैं। वहीं 44 हजार 592 सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक और 12 हजार 482 शिक्षक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश भर के निजी स्कूलों के शिक्षकों ने इसके लिए लंबा संघर्ष किया है। इस संबंध में शिक्षक पप्पू यादव, सूरज गुप्ता आदि ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर अनशन तक किया। अब जाकर उन्हें न्याय मिला है।
राज्य सरकार में मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा - एनसीटीई की गाइडलाइन की वजह से 18 माह के डीएलएड कोर्सधारियों को नियोजन प्रक्रिया का हिस्सा बनाने में कठिनाई हो रही थी। अब हाईकोर्ट का आदेश हुआ है तो उसके अध्ययन के बाद उचित निर्णय करेंगे।
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