Hindi Newsकरियर न्यूज़New policy for recruitment of outsourcing personnel in UP soon youth will get gift before Lok Sabha elections

यूपी में आउटसोर्सिंग कर्मियों की भर्ती के लिए नई नीति जल्द, लोकसभा चुनाव से पहले युवाओंं मिलेगी सौगात

राज्य सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के युवाओं को बड़ा तोहफा देने के लिए आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों के संबंध में नई नीति लाने जा रही है। इसके लिए हरियाणा की तर्ज पर यूपी कौशल रोजगार निगम बनाने

Alakha Ram Singh विशेष संवाददाता, लखनऊTue, 13 June 2023 03:14 PM
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राज्य सरकार लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के युवाओं को बड़ा तोहफा देने के लिए आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों के संबंध में नई नीति लाने जा रही है। इसके लिए हरियाणा की तर्ज पर यूपी कौशल रोजगार निगम बनाने पर विचार किया जा रहा है। उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बन गई है और श्रम विभाग को प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

पोर्टल पर बतानी होगी रिक्तियां
यूपी के सभी सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्तियों के लिए नया पोर्टल बनाया जाएगा। इस पर सभी को अपने यहां समूह ‘ग’ व ‘घ’ की रिक्तियां अधिसूचित करनी होगी। तकनीकी व सुरपरवाइजरी पदों के लिए चयन प्रक्रिया शैक्षिक योग्यता, अनुभव व साक्षात्कार में मिले भारांक के आधार पर होगा। साक्षात्कार का अंक परीक्षा में कुल अंकों के 20 प्रतिशत तक रखा जा सकता है। कौशल रोजगार निगम यह पोर्टल बनाएगा और इसी के जरिये आउटसोर्सिंग की सभी भर्तियां की जाएंगी।

20 फीसदी बनेगी प्रतिक्षा सूची
सभी श्रेणी के चयनित अभ्यर्थियों की 20 फीसदी तक प्रतीक्षा सूची बनाई जाएगी। हर माह की 15 तारीख तक ऐसे कार्मिकों का मानदेय सीधे उनके खाते में डालने की अनिवार्यता होगी। सेवाप्रदाता एजेंसियों को कमीशन 4.5 प्रतिशत ही दिया जाएगा। इसमें किसी तरह का कोई इजाफा न करने का सुझाव दिया गया है।

हर जिले के लिए अलग मानदे
हरियाणा में जिलेवार मानदेय दिया जा रहा है। हरियाणा में श्रेणी एक वाले जिले में लेवल एक के कर्मियों को 17500, लेवल दो 20590, लेवल तीन 21200 व लेवल चार के कर्मियों को 22420 दिया जा रहा है। श्रेणी दो वाले जिलों में यह क्रमश: 15450, 18510, 19120 व 20350 व श्रेणी तीन वाले जिलों में क्रमश: 14330, 17390, 18000 और 19230 रुपये दिया जा रहा है। यूपी में अभी तक कोई मानक नहीं है। इसीलिए इस पर भी विचार किया जा रहा है।

हरियाणा मॉडल की खासियत
कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भर्तियां होने से आउटसोर्सिंग कर्मियों का उत्पीड़न रुकेगा। उनके खातों में तय समय पर मानदेय जाने के साथ ही ईपीएफ और ईएसआई की कटौती का पैसा जमा होगा। भर्तियों में आरक्षण का लाभ मिलेगा। यात्रा भत्ता, महंगाई भत्ता, स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा, छुट्टियों की सुविधाओं से सेवा शर्तों में सुधार हो सकेगा।

जताई गई यह आशंका
उच्च स्तर पर हुए प्रस्तुतीकरण में यह भी बताया गया है कि हरियाणा मॉडल पूरी तरह से लागू करने पर कर्मियों को हटाने या उनका निरंतरीकरण न करने के समय कानूनी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। मजदूरी दर अधिक होने से यूपी में लागू करने पर वित्तीय भार बढ़ेगा। निगम बनाने के कारण इनको भविष्य में सरकारी कर्मचारियों के रूप में नियोजित करने की मांग से समस्या उत्पन्न हो सकती है।

फैक्टफाइल:
- वर्ष 2017 से अब तक रखे गए संविदा कर्मी ---56491
- वर्ष 2017 से रखे गए आउटसोर्सिंग कर्मी--- 275497
- निकायों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कमी---107936

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