झारखंड में 5वीं से 7वीं तक के सारे बच्चे बिना परीक्षा के अगली क्लास में गए
झारखंड सरकार ने कक्षा पांच से सात तक के 15 लाख विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया है। इन कक्षाओं में 30 मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी थी लेकिन लॉकडाउन होने के...
झारखंड सरकार ने कक्षा पांच से सात तक के 15 लाख विद्यार्थियों को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजने का फैसला किया है। इन कक्षाओं में 30 मार्च से वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी थी लेकिन लॉकडाउन होने के चलते इनका आयोजन नहीं हो सकेगा। सरकार ने परीक्षा को रद्द करते हुए सभी विद्यार्थियों को पास करने का निर्णय लिया है।
कोरोना वायरस के तेजी से फैलते संक्रमण को तोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 21 दिन तक देशभर में लॉकडाउन की घोषणा की है। 14 अप्रैल तक लोगों को अपने घरों में ही रहना होगा।
झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल (जेईपीसी) ने सभी डिस्ट्रिक्ट सुपरिटेंडेंट ऑफ एजुकेशन (डीएसई) को इस संबंध में आदेश दे दिया है। अधिकारियों ने कहा कि काउंसिल ने स्टूडेंट्स को ग्रेड देने के लिए स्कूल खुलने के बाद एक बेसिक ईवेल्यूएशन का आयोजन करने का फैसला किया है। ईवेल्यूएशन के जरिए पढ़ाई में कमजोर स्टूडेंट की पहचान की जाएगी और उसे एक्स्ट्रा क्लासेज दी जाएगी।
राज्य में कक्षा 5वीं से 7वीं तक की परीक्षा का आयोजन झारखंड स्टेट एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (जेएसईआरटी) करती है जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल 8वीं से 12वीं तक की परीक्षा करवाती है।
इस बीच जेएसी ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन कार्य लॉकडाउन व कोरोना वायरस के चलते 1 अप्रैल तक टाल दिया है। यह 20 मार्च को शुरू होना था।
इस बार 6.21 स्टूडेंट्स ने जेएसी 10वीं, जबकि 2,34,363 ने 12वीं की परीक्षा दी थी।
जेएसी ने 8वीं और 9वीं परीक्षा का रिजल्ट अगले आदेश तक टाल दिया है। करीब 9 लाख स्टूडेंट्स ने यह परीक्षा दी थी। बोर्ड के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होने के बाद इन परीक्षाओं का रिजल्ट जारी होगा।
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