विद्यार्थियों की योग्यता निखारने का शानदार मंच है हिन्दुस्तान ओलंपियाड
स्कूल की पढ़ाई, स्कूल की गतिविधियां बच्चों के भविष्य की जमीन तैयार करती हैं। यह स्कूली जीवन ही है, जो आगे की जिंदगी की एक मजबूत नींव तैयार करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हिन्दुस्तान ओलंपियाड की...
स्कूल की पढ़ाई, स्कूल की गतिविधियां बच्चों के भविष्य की जमीन तैयार करती हैं। यह स्कूली जीवन ही है, जो आगे की जिंदगी की एक मजबूत नींव तैयार करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए हिन्दुस्तान ओलंपियाड की शुरुआत 2015 में हुई थी। पहले इसका आयोजन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार व झारखंड में किया जाता था, लेकिन 2021 से ‘हिन्दुस्तान ओलंपियाड’ का दायरा बढ़ाकर इसका आयोजन दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ में भी किया जाने लगा। इस बार भी इसका आयोजन इन सभी स्थानों पर होगा।
हिन्दुस्तान टाइम्स मीडिया लिमिटेड द्वारा इस ओलंपियाड के आयोजन के पीछे उद्देश्य यह है कि बच्चों की प्रतिभा को सही मंच देकर उसे निखारा जा सके। अब तक इस ओलंपियाड को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और चंडीगढ़ के हजारों स्कूलों के लाखों छात्रों से बहुत शानदार प्रतिक्रिया मिली है।
एक-विषय वाली ढेर सारी परीक्षाओं के उलट यह ओलंपियाड सभी प्रमुख विषयों में छात्रों की शैक्षिक योग्यता का मूल्यांकन करता है। यह एक दो-स्तरीय टेस्ट है। इसमें पहले लेवल के टॉप 10 प्रतिशत प्रतियोगियों को दूसरे लेवल की परीक्षा के लिए चुना जाएगा और फिर उनमें से अंतिम विजेताओं का चयन किया जाएगा। राज्य और जिले में टॉप करने वाले छात्रों को ट्रॉफी और स्कॉलरशिप दी जाएगी, साथ ही सभी प्रतिभागी छात्रों को सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
हिन्दुस्तान ओलंपियाड के नए संस्करण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसका आयोजन एचटी मीडिया लिमिटेड द्वारा किया जाता है। इस बार के आयोजन में एचटी मीडिया का पार्टनर है ‘डाउटनट’, जो ऑनलाइन लर्निंग का एक लोकप्रिय और तेजी से बढ़ता हुआ मंच है।
इस बार के ओलंपियाड को भी स्कूलों और छात्रों से शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है। अब तक हजारों छात्र पंजीकरण शुल्क देकर इस ओलंपियाड के लिए अपना पंजीकरण करा चुके हैं।
ओलंपियाड में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को हमारे पार्टनर ‘डाउटनट’ द्वारा नि:शुल्क स्टडी मटीरियल प्रदान किया जाएगा। साथ ही, सभी विजेताओं को नकद छात्रवृत्ति दी जाएगी।
सभी को शिक्षा डाउटनट का लक्ष्य
आदित्य शंकर (को-फाउंडर, डाउटनट) ने कहा, 'डाउटनट ने देश के शिक्षा परिदृश्य को बदलने और हर शहर, गांव, कस्बे के प्रत्येक बच्चे की जनसांख्यिकी और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद, उन तक शिक्षा पहुंचाने के साहसिक मिशन की शुरुआत की थी। सभी को शिक्षा मुहैया कराने की दृष्टि ही डाउटनट की शुरुआत के पीछे का विचार था। इस लक्ष्य को अपनी नींव के रूप में लेकर, हम भारत की शिक्षा प्रणाली में क्रांति लाने की यात्रा पर निकल पड़े हैं।'
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