EWS छात्रा को दाखिला न देने पर हाईकोर्ट सख्त, ड्रॉ में नाम आने के बाद एक साल से भटक रही बच्ची
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी आए दिन सामने आती रहती है। लकी ड्रॉ में नाम आने के बाद भी बच्ची को दाखिला न देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। ईडब्ल्यूएस श्रेणी की छात्रा पिछले एक साल से एडमिशन के
EWS Students Admission: दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडब्ल्यूएस (कम आय वर्ग) कोटे में नाम आने के बावजूद निजी स्कूल द्वारा दाखिला न दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को आदेश दिया है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर छात्रा को स्कूल में दाखिला दिलाया जाए। न्यायमूर्ति सी हरीशंकर की पीठ ने शनिवार को शिक्षा निदेशालय को कहा है कि याचिकाकर्ता छात्रा का भविष्य प्रभावित ना हो, इसलिए निदेशालय तत्काल इसमें हस्तक्षेप करें। छात्रा को दाखिला दिलाने के साथ ही ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत मिलने वाले अन्य लाभ भी दिलाए जाएं। इन लाभों में स्कूल की वर्दी और किताबें भी शामिल हैं। दरअसल, इस मामले में छात्रा ने अपने पिता के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। दलील दी गई थी कि उसने निजी स्कूल में ईडब्ल्यूएस कोटे के तहत दाखिले के लिए फार्म भरा था।
निदेशालय द्वारा पिछले साल 14 मार्च को निकाले गए कम्पयूरराइजड ड्रॉ में उसका नाम आ गया, लेकिन स्कूल ने बगैर कोई कारण बताए दाखिला देने से इनकार कर दिया। पीठ ने इस याचिका को गंभीरता से लिया।
ड्रॉ में नाम आने के बाद भटक रही बच्ची
पीठ ने कहा कि सात साल की बच्ची ड्रॉ में नाम आने के बाद भी पिछले एक साल से दाखिले के लिए भटक रही है। पीठ ने बच्ची के भविष्य को देखते हुए तत्काल स्कूल और शिक्षा निदेशालय के लिए नोटिस जारी किया, लेकिन स्कूल अपना जवाब दाखिल करने कोर्ट नहीं पहुंचा। इस पर पीठ ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया कि बच्ची को संबंधित कक्षा में दाखिल दिलाने की जिम्मेदारी संभालें। पीठ ने कहा कि यदि स्कूल कोई आना-कानी करता है तो निदेशालय उचित कदम उठाए।
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