राज्य के मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की जांच होगी
medical nursing paramedical college:प्राइवेट कॉलेज मान्यता के लिए फैकल्टी तैनात करते हैं, लेकिन वास्तव में वह कॉलेज में उपस्थित नहीं होती। कई बार एक ही शिक्षक के पेपर कई कॉलेजों में भी लगाए जाते हैं।
देश के कई प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टी (छद्म फैकल्टी) के मामले सामने आने के बाद राज्य के मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में भी फैकल्टी की जांच होगी।चिकित्सा शिक्षा विभाग इसके लिए सभी कॉलेजों में औचक निरीक्षण की योजना बना रहा है। इसके तहत फैकल्टी और कॉलेजों की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों की जांच होगी। विदित है कि राज्य में सात मेडिकल कॉलेज, 45 नर्सिंग कॉलेज, जबकि 14 पैरामेडिकल कॉलेज हैं। इन कॉलेजों में हजारों की संख्या में छात्र पढ़ रहे हैं। लेकिन कई बार कॉलेजों में पर्याप्त फैकल्टी न होने की शिकायतें मिलती हैं।
एनएमसी, आईएनसी और राज्य सरकार के निरीक्षण के दौरान फैकल्टी का बंदोबस्त कर दिया जाता है, लेकिन अन्य दिनों पर्याप्त फैकल्टी नहीं रहती। हाल में एनएमसी ने देश के कई राज्यों में मेडिकल कॉलेजों की जांच की तो यह फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके बाद अब राज्य सरकार भी सतर्क हो गई है।
छात्रों का भविष्य हो रहा चौपट
प्राइवेट कॉलेज मान्यता के लिए फैकल्टी तैनात करते हैं, लेकिन वास्तव में वह कॉलेज में उपस्थित नहीं होती। कई बार एक ही शिक्षक के पेपर कई कॉलेजों में भी लगाए जाते हैं। कॉलेज छात्रों से फीस तो मोटी वसूल रहे हैं, लेकिन पढ़ाई के नाम पर स्थिति बदतर है। इस वजह से छात्रों का भविष्य चौपट होने का खतरा है। इसे देखते हुए अब राज्य में सतर्कता बरती जा रही है।
राज्य के मेडिकल, नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों में औचक निरीक्षण कर फैकल्टी की जांच का निर्णय लिया गया है। कॉलेजों में फैकल्टी की तैनाती में अनियमितता मिलने पर इस संदर्भ में रिपोर्ट एनएमसी और आईएनसी आदि संस्थाओं को भेजी जाएगी। राज्य के स्तर पर भी फर्जीवाड़ा करने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।-प्रो. आशुतोष सयाना, निदेशक, चिकित्सा शिक्षा
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