Delhi Teacher Recruitment : विशेष शिक्षक पद के लिए योग्यता में छूट पर विचार करें : कोर्ट
उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए निर्धारित अनिवार्य योग्यता में छूट देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। न्य
उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण फैसले में उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए निर्धारित अनिवार्य योग्यता में छूट देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। न्यायालय ने कहा है कि जब नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित योग्यता में छूट दी गई है, तो सरकारी स्कूलों के लिए यह छूट क्यों नहीं दी जा सकती। न्यायालय के इस फैसले से दिल्ली सरकार के स्कूलों में खाली पड़े करीब 1000 विशेष शिक्षकों को भरने में मदद मिल सकती है।
जस्टिस संजीव सचदेवा और तुषार राव गेडेला की पीठ ने उन दलीलों को स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है, जिसमें कहा गया था कि उच्च न्यायालय ने अपने पूर्व के फैसले में कहा है कि विशेष शिक्षा शिक्षकों की बड़ी संख्या में रिक्तियों को भरने के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आमतौर पर निर्धारित योग्यता और शर्तों में छूट देने के लिए अधिकारियों में पर्याप्त शक्ति है। साथ ही कहा गया था कि छूट देने की शक्तियों का यदि प्रयोग नहीं किया जाता है तो यह स्थिति कार्यपालिका द्वारा अपने दायित्वों के निर्वहन में विफलता के समान होगी।
याचिका पर विचार के बाद फैसला :
पीठ ने यह फैसला लाल बहादुर, चंदन शर्मा, सविता रानी सहित कई छात्रों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर विचार करते हुए दिया है। न्यायालय ने कहा है कि तथ्यों को देखने से साफ है कि दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए न सिर्फ शैक्षणिक योग्यता, बल्कि अधिकतम उम्र सीमा में भी छूट दी गई है।
उपराज्यपाल को प्रतिवेदन दें याचिकाकर्ता :
न्यायालय ने कहा कि ऐसे में उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए निर्धारित योग्यता में छूट देने पर सार्थकता के साथ विचार करें। साथ ही याचिकाकर्ताओं के वकीलों से कहा कि वे दो सप्ताह के भीतर अपना प्रतिवेदन उपराज्यपाल के समक्ष दें, ताकि इस पर विचार किया जा सके। न्यायालय ने कहा कि यह इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि उच्च न्यायालय ने 2009 में सभी स्कूलों में कम से कम दो विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था, लेकिन मौजूदा स्थिति यह है कि स्कूलों में 13 साल बाद भी विशेष शिक्षकों की अधिकांश पद खाली हैं।
927 पदों पर भर्ती निकाली थी :
उच्च न्यायालय में पेश मामले के अनुसार, दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड ने 2013 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 927 पदों पर भर्ती निकाली थी। इस परीक्षा में लाल बहादुर, चंदन शर्मा, सविता रानी, ममता रानी सहित कई आवेदक शामिल हुए। बाद में इन याचिकाकर्ताओं सहित कई अन्य आवेदकों को परीक्षा में सफल होने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी गई, क्योंकि उस वक्त उनके पास समान्य श्रेणी के बजाए ओबीसी श्रेणी में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) की डिग्री थी। हालांकि, आवेदकों ने बाद में सामान्य श्रेणी में भी सीटीईटी पास कर ली। इसके बाद आवेदकों ने कई दौर का मुकदमा लड़ने के बाद अधिवक्ता अनुज अग्रवाल के माध्यम से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर उतीर्ण/ प्राप्त की गई सीटीईटी की डिग्री के आधार पर नौकरी देने की मांग की थी। अधिवक्ता अग्रवाल ने न्यायालय को बताया कि उपराज्यपाल ने 2020 में नगर निगम के स्कूलों में विशेष शिक्षकों के नियुक्ति के लिए कटऑफ तारीख के बाद सीटीईटी पास करने और अधिकतम उम्रसीमा में छूट दी है।
कब कितनी भर्ती निकली
-2011 : 858 भर्ती निकाली लेकिन रद्द कर दी गई
-2013 : 927 पदों पर भर्ती निकाली, सिर्फ 214 सीटें भरी गईं
-2014 : 670 पदों पर भर्ती निकाली, 238 भरी गईं
-2017 : 1329 पदों पर भर्ती निकाली गई जबकि 281 भरी गईं
-2020 : 1326 पदों पर भर्ती, भरी गई सीटों की जानकारी नहीं
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