बिहार: प्रोफेसर के 1568 पदों पर होने वाली भर्ती रद्द
बिहार के सरकारी पॉलीटेक्निक तथा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में संविदा पर व्याख्याता व सहायक प्रोफेसर के 1568 पदों पर होने वाली बहाली के विज्ञापन सहित नियुक्ति के लिए बनाये गए नियम को पटना हाईकोर्ट ने...
बिहार के सरकारी पॉलीटेक्निक तथा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में संविदा पर व्याख्याता व सहायक प्रोफेसर के 1568 पदों पर होने वाली बहाली के विज्ञापन सहित नियुक्ति के लिए बनाये गए नियम को पटना हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। सोमवार को कोर्ट ने बहाली के लिए नए सिरे से कानून के तहत कार्रवाई करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है। न्यायमूर्ति ज्योति शरण तथा न्यायमूर्ति पार्थसारथी की खंडपीठ ने राम मनोहर पांडेय एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
मार्च में निकाला था विज्ञापन
आवेदकों के वकील नवीन प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि सरकारी पॉलीटेक्निक में व्याख्याता की नियुक्ति के लिए गत सात मार्च को 583 पदों के लिए तथा सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 985 पदों के लिए गत आठ मार्च को एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। संविदा पर नियुक्ति के लिए सरकार ने जो नियम बनाए हैं वे कानून के तहत नहीं हैं। उनका कहना था कि बहाली में गेट पास छात्रों को तरजीह दी गई है जबकि बहाली कानून में सभी को एक समान रखा गया है। वहीं, अर्जी का विरोध करते हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए योग्य उम्मीदवारों की बहाली के लिए गेट पास छात्रों को तरजीह देने का प्रावधान किया गया है। देश के कई राज्यों में ऐसा होता है। हालांकि कोर्ट ने आवेदकों की ओर से दी गई दलील को मंजूर करते हुए विज्ञापन सहित बहाली नियम को निरस्त कर दिया।
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