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बिहार : नियोजित शिक्षकों को अब प्रमोशन का भी लाभ मिलेगा

पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के शिक्षकों की नई सेवाशर्त नियमावली को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। नई सेवा शर्त के अनुसार उन्हें कई सहूलियतें मिलेंगी। वर्षों पुरानी उनकी मांग सरकार ने पूरी...

Pankaj Vijay हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाWed, 19 Aug 2020 08:06 AM
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पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के शिक्षकों की नई सेवाशर्त नियमावली को राज्य कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। नई सेवा शर्त के अनुसार उन्हें कई सहूलियतें मिलेंगी। वर्षों पुरानी उनकी मांग सरकार ने पूरी की है। पुस्तकालयाध्यक्षों, महिला, दिव्यांग शिक्षकों को अपने नियोजन इकाई व अपने जिले से बाहर एक बार ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। वहीं पुरुष शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षों को इसका लाभ आपसी सहमति से मिलेगा। कई महिला शिक्षक थी, जो शादी से पहले से नियुक्त थी, पर बाद में उन्हें दिक्कत होने लगी। इस फैसले से ऐसी महिला शिक्षकों को भी काफी लाभ होगा। 

प्राथमिक से मध्य व माध्यमिक वि. से उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग्य शिक्षकों की प्रोन्नति होगी। मध्य और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से ही भरे जाएंगे। वे प्रचार्य भी बन सकेंगे। महिला शिक्षकों का मातृत्व अवकाश को 135 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया गया। साथ ही अब शिक्षकों को 15 दिनों का पितृत्व अवकाश भी मिलेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि एक जुलाई 2015 में इन शिक्षकों के लिए वेतनमान लागू किया गया। उस समय 20 प्रतिशत वेतन वृद्धि की गई। 2017 में सातवें वेतनमान के अनुरूप 17 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की गई। वर्तमान में ईपीएफ को मिलाकर करीब 20 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की जा रही है। 

ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा
महिला और दिव्यांग शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को अपने नियोजन इकाई तथा अपने जिले से बाहर एक बार ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ मिलेगा। वहीं पुरुष शिक्षकों तथा पुस्तकालयाध्यक्षों को इसका लाभ आपसी सहमति (पारस्परिक) से मिलेगा। आरके महाजन ने कहा कि कई महिला शिक्षक थी, जो शादी से पहले से नियुक्त थी, पर बाद में उन्हें दिक्कत होने लगी। 

अनुकंपा का लाभ
शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों की सेवाकाल में मुृत्य की स्थिति में वर्तमान में आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर शिक्षक के पद पर ही नियोजन  का प्रावधान है। शिक्षक के पद पर नियोजन के लिए शेक्षणिक अर्हता अनिवार्य है। इस कारण कइयों का नियोजन रुका हुआ है। माध्यमिक विद्यालयों में विद्यालय सहायक एवं विद्यालय परिचारी के पद के सृजन और इन पर शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नियोजन का निर्णय लिया गया है। पूर्व में जो मृत हो गए हैं, उनके आश्रितों को भी इसका लाभ मिलेगा। 

प्राथमिक से मध्य व माध्यमिक विद्यालय से उच्च माध्यमिक विद्यालय में योग्य शिक्षकों की प्रोन्नति होगी। 50% पद प्रोन्नति से ही भरे जाएंगे। 

उच्च वेतनमान अथवा उच्च कोटि में नियुक्ति होने पर सेवा निरंतरता का लाभ मिलेगा। हालांकि वरीयता में इसका लाभ नहीं मिलेगा। 

50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से ही भरे जाएंगे मध्य व उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में 
20 फीसदी वेतन वृद्धि की जा रही है वर्तमान में ईपीएफ को मिलाकर 

मातृत्व अवकाश 180 दिनों का: महिला शिक्षकों का मातृत्व अवकाश को 135 दिनों से 180 दिनों का कर दिया गया  है। यह प्रथम दो बच्चों के लिए होगा।  

पांच सालों में 60 प्रतिशत वेतन बढ़ा: आरके महाजन ने कहा कि शिक्षकों को पांच सालों में 60 प्रतिशत वेतन बढ़ा। अन्य सूविधाएं भी बढ़ी है।

568 करोड़: सीवान के मैरवा में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल तथा बीएससी नर्सिंग कॉलेज एवं छात्रवास के के लिए 568 करोड़ स्वीकृति। 

अध्ययन अवकाश 
वर्तमान  में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों कासात साल की सेवा के बाद अध्ययन अवकाश तीन सालों के लिए मिलते थे। अब यह अकाश तीन साल की सेवा के बाद ही मिलेगा। यह अवकाश अवैतनिक होगा। 

अर्जित अवकाश का लाभ
अर्जित अवकाश का लाभ भी अब शिक्षकों को दिया जाएगा। हर साल 11 दिनों का अर्जित अवकाश दिया जाएगा, जो अधिकतम 120 दिनों के लिए संचित होगा।

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