बिहार में इन टीचरों की नौकरी जाने का खतरा बरकरार
इंटर में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त तथा ट्रेनिंग नहीं लेने वाले शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। आरटीई के तहत केन्द्र सरकार का निर्देश है कि एक अप्रैल 2019 से किसी भी अप्रशिक्षित शिक्षकों को...
इंटर में 50 फीसदी से कम अंक प्राप्त तथा ट्रेनिंग नहीं लेने वाले शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है। आरटीई के तहत केन्द्र सरकार का निर्देश है कि एक अप्रैल 2019 से किसी भी अप्रशिक्षित शिक्षकों को सेवा में नहीं रखना है।
बिहार में ऐसे अप्रशिक्षित बड़ी संख्या में शिक्षकों ने एनआईओएस से डीईएलएड का कोर्स पूरा कर लिया है। एनआईओएस के माध्यम से ही प्लसटू की परीक्षा में अपना अंक प्रतिशत बेहतर करने वालों को अभी तक प्रमाण पत्र नहीं मिला है। एनआईओएस से प्लसटू में 50 फीसदी या उससे अधिक अंक पा चुके डीईएलएड करने वाले शिक्षकों की नौकरी जाने का खतरा बरकरार है। इन शिक्षकों के आवेदन पर गंभीरता दिखाते हुए शुक्रवार को प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ. रणजीत कुमार सिंह ने राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान पटना के क्षेत्रीय निदेशक को पत्र भेजा है।
शिक्षा विभाग ने राज्य योजना मद से 947 नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों के भवन निर्माण एवं हर स्कूल में दो इकाई शौचालय व एक इकाई चापाकल निर्माण के लिए 191 करोड़ 39 लाख 84 हजार 438 रुपए की स्वीकृति दी है।
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