Hindi Newsकरियर न्यूज़Bihar Board School: Most of the schools are giving up monthly examination due to lack of rooms

Bihar Board School: कमरों की कमी से मासिक परीक्षा से हाथ खड़ा कर रहे अधिकतर स्कूल

बिहार बोर्ड के अधिकांश स्कूल कमरों की कमी से जूझ रहे हैं। पटना जिले के कई माध्यमिक विद्यालय खासकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हैं जहां पर कक्षाओं की कमी है। इनमें 164 उत्क्रमित माध्यमि

Alakha Ram Singh मुख्य संवाददाता, पटनाSun, 24 Sep 2023 03:28 PM
share Share

Bihar Board Monthly Exam 2023: विद्यालयों में कक्षा की कमी का असर मासिक मूल्यांकन परीक्षा पर दिख रहा है। पटना जिले के कई माध्यमिक विद्यालय खासकर उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय हैं जहां पर कक्षाओं की कमी है। इनमें 164 उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय और शेष राजकीय विद्यालय शामिल हैं। अब ये स्कूल मासिक मूल्यांकन परीक्षा लेने से हाथ खड़ा कर रहे हैं, क्योंकि जितना इन स्कूलों में नामांकन है, उतने छात्र-छात्राओं का एक साथ परीक्षा लेना इनके लिए मुश्किल हो रहा है। अब प्राचार्य इसकी जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय को दे रहे हैं कि कक्षा की कमी के कारण मासिक परीक्षा लेने में समर्थ नहीं हैं। नौवीं से 12वीं तक मासिक मूल्यांकन परीक्षा 25 सितंबर से चार अक्टूबर तक ली जाएगी तो स्कूलों के पास कक्षा की कमी का दिक्कतें आ रही हैं।

बता दें कि शिक्षा विभाग के प्रयास से पिछले तीन महीनों में स्कूलों में उपस्थिति बढ़ी है, लेकिन कक्षा की कमी के कारण विद्यार्थियों को बैठने की जगह नहीं मिल पाती है। शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा कार्यालय को अतिरिक्त कक्षा निर्माण करवाने का आदेश दिया था। यह आदेश जुलाई के तीसरे सप्ताह में दिया गया था। पटना जिला की बात करें तो जिले के 250 सौ विद्यालयों को चिह्नित किया गया था जहां पर अतिरिक्त कक्षा की आवश्यकता है। इनमें दो सौ माध्यमिक और 50 मध्य विद्यालय शामिल हैं। इनमें अभी मात्र 15 विद्यालयों में ही अतिरिक्त कक्षा का निर्माण हो पाया है। इन विद्यालयों में एक कक्षा निर्माण के लिए पांच-पांच लाख रुपये की राशि दी गयी थी।

बैठने की व्यवस्था नहीं होने से 25-30 बच्चे चले जाते हैं वापस पटना जिला शिक्षा कार्यालय के सूत्रों के अनुसार जिले के कई स्कूलों 25 से 30 फीसदी बच्चे उपस्थिति बना कर विद्यालय से वापस चले जाते हैं। शिक्षा विभाग के आदेश के अनुसार स्कूलों में उपस्थिति बढ़ने से छात्र स्कूल आने लगे हैं। ऐसे में बैठने की कमी के कारण एक भी बच्चा वापस ना जाए, इसके लिए स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा का निर्माण पर जोर है।

उत्क्रमित उच्च मा. विद्यालय, सिंगोड़ी पालीगंज में नामांकन 685 है। यहां 18 कमरे हैं पर माध्यमिक के लिए केवल दो कमरे ही मिले हैं। प्राचार्य ने डीईओ को पत्र लिख कर बताया है कि नौवीं से 12वीं तक मासिक परीक्षा लेना संभव नहीं होगा। रोज स्कूल में चार सौ के लगभग बच्चे आते हैं पर बैठने की जगह कम है।

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय गर्दनीबाग में छह सौ छात्राएं नामांकित हैं। स्कूल के आठ कमरों पर कॉलेज का कब्जा है। ऐसे में कक्षाओं की भारी कमी है। एक बेंच पर चार-चार छात्राएं बैठती हैं। इसके बाद भी जगह नहीं मिल पाती है। अब मासिक परीक्षा को लेकर स्कूल ने कक्षा की कमी डीईओ को बताया गया है।

पटना के डीईओ अमित कुमार ने कहा कि जिले के 250 स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा का निर्माण किया जाना है। इसमें अभी 15 विद्यालयों में अतिरिक्त कक्षा बन कर तैयार है। शेष जगहों पर भी बन रहा है। जल्द ही कक्षाओं की कमी की दिक्कतें दूर होंगी। स्कूल की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय नौबतपुर में 535 छात्र नामांकित हैं। स्कूल में मात्र दो कमरे हैं। इनमें एक साथ 90 छात्र के बैठने की जगह है। शिक्षक भी नहीं है। ऐसे में 535 छात्रों की मासिक परीक्षा एक साथ लेना संभव नहीं है। विद्यालय में कक्षा बनाने के लिए कई बार डीईओ को लिखा जा चुका है।

प्राथमिक, मध्य के साथ माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में कक्षाओं की है कमी , पटना जिला के दो सौ माध्यमिक और 50 मध्य विद्यालयों में बनने हैं अतिरिक्त कक्ष, मात्र 15 में ही हुआ निर्माण।

स्कूलों को इन सारी मुश्किलों से गुजरना पड़ रहा है-
● कक्षा में बैठने के लिए छात्रों के बीच अक्सर हो जाती है लड़ाई।
● एक साथ सभी बच्चे के आने से चेतना सत्र में खड़े होने की जगह नहीं होती।
● शिक्षकों के लिए सबसे बड़ी दिक्कतें बच्चों को बैठाने को लेकर होती है।
● मध्याह्न भोजन में एक साथ सभी बच्चों को बैठाकर खिलाने में दिक्कतें आती है। 
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें