Bihar Board 10th Result 2020: बिहार बोर्ड मैट्रिक स्टेट टॉपर सूची में पटना बाहर
बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट में पटना जिला इस बार भी स्टेट टॉपर सूची में जगह नहीं बना पाया। बिहार बोर्ड द्वारा जारी टॉप-टेन की सूची में 41 विद्यार्थी शामिल है। इसमें 38 जिला में कुल 19 जिला शामिल...
बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट में पटना जिला इस बार भी स्टेट टॉपर सूची में जगह नहीं बना पाया। बिहार बोर्ड द्वारा जारी टॉप-टेन की सूची में 41 विद्यार्थी शामिल है। इसमें 38 जिला में कुल 19 जिला शामिल है। लेकिन पटना गायब है। पटना का एक भी स्कूल टॉप-टेन में जगह नहीं बना पाया। पिछले चार साल में पटना जिला टॉप-टेन में गायब रहा है। वहीं 2016 से 2019 तक में हर साल टाप-टेन में सिमुलतला आवासीय विद्यालय के छात्रों का दबदबा रहा। लेकिन 2020 के रिजल्ट में कई छोटे जिलों के विद्यार्थियो ने टॉप-टेन में जगह बनायी। अगर हम बात 2019 की करें तो बिहार बोर्ड ने टॉप-15 का लिस्ट जारी किया था। टॉप-15 के लिस्ट में पटना जिला की एक छात्रा मधु कुमारी को 14वां रैंक मिला था। केआरएम हाई स्कूल नेटौल पटना की छात्रा मधु कुमारी को टॉप-15 में शामिल थी।
प्रथम श्रेणी में चार लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स पास
बिहार बोर्ड के मैट्रिक रिजल्ट में प्रथम श्रेणी से पास परीक्षार्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। द्वितीय श्रेणी में भी रिजल्ट काफी बेहतर रहा है। इस बार तृतीय श्रेणी प्राप्त करने वालों की संख्या कम रही है।
प्रथम श्रेणी की बात करें तो इस बार कुल चार लाख तीन हजार 392 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए हैं। इसमें दो लाख 38 हजार 93 छात्र और एक लाख 65 हजार 299 छात्राएं शामिल हैं। वहीं द्वितीय श्रेणी में पांच लाख 24 हजार 217 परीक्षार्थी को सफलता मिली है। इसमें छात्रा की संख्या छात्रों से अधिक है। जहां छात्रा दो लाख 66 हजार 410 है। वहीं दो लाख 57 हजार 807 छात्र शामिल हैं। तृतीय श्रेणी प्राप्त करने में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है। तृतीय श्रेणी प्राप्त करने वाले कुल दो लाख 75 हजार 402 परीक्षार्थी हंै। इसमें एक लाख 58 हजार 286 छात्रा और एक लाख 17 हजार 116 छात्र शामिल हैं।
ज्ञात हो कि इस बार के कुल रिजल्ट में छात्राओं की तुलना में छात्रों का रिजल्ट बेहतर रहा है। जहां छह लाख 13 हजार 485 छात्र को सफलता मिली है। वहीं पांच लाख 90 हजार 545 छात्राओं को सफलता मिली है। 2019 की बात करें तो 2019 में भी छात्राओं की अपेक्षा छात्र का रिजल्ट अधिक बेहतर हुआ था। छात्र छह लाख 83 हजार 990 उत्तीर्ण हुए थे तो वहीं छात्रा छह लाख 36 हजार 046 को सफलता मिली थी।
तीन साल में बढ़ी प्रथम श्रेणी की संख्या
मैट्रिक रिजल्ट के पिछले तीन साल की बात करें तो प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या काफी बढ़ी है। जहां 2018 में एक लाख 89 हजार 326 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से पास हुए वहीं 2019 में दो लाख 90 हजार 666 विद्यार्थियों ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की। लेकिन 2020 ने पिछले सभी रिकार्ड तोड़ दिये। इस बार चार लाख तीन हजार 392 परीक्षार्थियों ने प्रथम श्रेणी प्राप्त की। प्रथम श्रेणी से पास छात्रों की संख्या अधिक होने के कारण विद्यार्थियों में खूब उत्साह देखा जा रहा है। सफल परीक्षार्थियों ने लॉकडाउन के कारण घरों पर इसका जश्न मनाया।
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