बीएड डिग्रीधारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शिक्षामित्र, यूपी शिक्षक भर्ती में चयनितों को बाहर करने की मांग
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित बीएड डिग्रीधारियों को बाहर करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में 304 पेज की याचिका दायर की है।
कक्षा एक से पांच तक की शिक्षक भर्ती में बीएड डिग्रीधारियों को शामिल करने की राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 28 जून 2018 की अधिसूचना पिछले महीने 11 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट से खारिज होने के बाद नये सिरे से कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है। एनसीटीई के अधिसूचना के आधार पर उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित बीएड डिग्रीधारियों को बाहर करने की मांग को लेकर शिक्षामित्रों ने सर्वोच्च न्यायालय में 304 पेज की याचिका दायर की है।
शिक्षामित्रों का तर्क है कि वह प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास हैं। वह 69000 भर्ती के लिए 2019 में आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में 40/45 प्रतिशत अंक या अधिक प्राप्त करने वाले 32629 अभ्यर्थियों में शामिल थे। लेकिन बीएड डिग्रीधारियों के 69000 भर्ती में शामिल होने के कारण शिक्षक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या और कटऑफ बढ़ने के कारण उनका चयन नहीं हो सका था।
अब चूंकि एनसीटीई की अधिसूचना खारिज हो चुकी है, इसलिए उसके आधार पर बीएड डिग्रीधारियों का चयन स्वत अर्थहीन हो गया है। यही नहीं 69000 भर्ती वर्तमान में गतिमान है और पूरी सीटें अब तक नहीं भरी जा सकी है। शिक्षामित्रों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की प्रति सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
टीईटी पास हैं 45 हजार शिक्षामित्र
शिक्षामित्रों का दावा है कि जुलाई 2017 में 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक पद पर समायोजन निरस्त होने के बाद बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों ने पढ़ाई करके टीईटी पास कर ली। लेकिन शिक्षक भर्ती के लिए अलग से परीक्षा लागू होने के कारण तकरीबन 45 हजार से अधिक टीईटी पास शिक्षामित्र आज तक सहायक अध्यापक नहीं बन सके हैं।
तबादले को 12 से 20 तक बनाएंगे जोड़ा
प्रयागराज प्रमुख संवाददाता। परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के अंतर जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए जोड़ा बनाने की कार्रवाई 12 से 20 सितंबर तक की जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने इस संबंध में सात सितंबर को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। इससे पहले बीएसए को छह सितंबर तक शिक्षकों के स्थानान्तरण का लाभ लेने या नहीं लेने, वैवाहिक स्थिति, असाध्य गंभीर रोग आदि का विवरण अपलोड करने के निर्देश दिए थे। अब तक अयोध्या, आजमगढ़, गाजियाबाद, जौनपुर, झांसी, लखनऊ, संभल ने कार्रवाई पूरी नहीं की है।
अंतर जनपदीय पारस्परिक तबादले के लिए परिषदीय शिक्षकों से 10 से 24 जुलाई तक एनआईसी के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।