BEd Vs BTC : कक्षा एक से 5वीं तक के बच्चों को नहीं पढ़ा सकेंगे बीएड वाले, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर
BEd Vs BTC , BSTC : अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही लेवल-1 में पात्र होंगे। लेवल-1 में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे, ऐसे में देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए यह एक बड़ा झटका है।
BEd Vs BTC : बीएसटीसी करने वाले देश भर के लाखों अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बीएसटीसी बनाम बीएड विवाद में शीर्ष अदालत ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट के शुक्रवार को दिए इस फैसले के बाद अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही (तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा) लेवल-1 में पात्र होंगे। लेवल-1 (पहली से 5वीं कक्षा तक) में बीएड अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाएंगे, ऐसे में देशभर के बीएड अभ्यर्थियों के लिए यह एक बड़ा झटका है। इस फैसले का असर यूपी, एमपी और बिहार शिक्षक भर्ती पर भी पड़ेगा। बीएड वाले अब प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक नहीं बन पाएंगे।
न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने मामले पर सुनवाई की। पीठ ने कहा कि प्राथमिक शिक्षक के लिए सिर्फ बीएसटीसी की योग्य माने जाएंगे। पीठ ने एनसीटीई ( राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद ) के उस गजट नोटिफिकेशन को भी खारिज कर दिया जिसमें बीएड डिग्रीधारकों को लेवल-1 शिक्षक भर्ती के लिए योग्य करार दिया गया था। एनसीटीई की इस अधिसूचना में कहा गया था कि अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के बाद छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा।
राजस्थान शिक्षा विभाग की ओर से जारी रीट नोटिफिकेशन में लेवल-1 में केवल बीएसटीसी वालों को ही पात्र माना गया था लेकिन बीएड डिग्रीधारियों के हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद हाईकोर्ट ने बीएड वालों को दोनों लेवल में शामिल करने के आदेश दिए। बीएड डिग्रीधारियों ने एनसीटीई के नियमों का हवाला दिया था।
इसके बाद बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने भी हाईकोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दे दी थी। बीएसटीसी अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि रीट लेवल-1 भर्ती में केवल बीएसटीसी वाले ही पात्र हैं, लेवल-1 भर्ती प्रक्रिया से बीएड धारियों को बाहर किया जाए। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक से लेकर पांच तक पात्र मानने वाले नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) की अधिसूचना को भी रद्द कर दिया था ।
राजस्थान हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एनसीटीई और केंद्र सरकार ने बीएड वालों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
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