बीएड कॉलेजों में स्थानीय छात्रों को 85 फीसदी कोटा पर चांसलर को पक्ष रखने को कहा
झारखंड बीएड कॉलेजों में 85 फीसदी सीटों पर झारखंड के स्थानीय और झारखंड से ही स्नातक पास करने वालों का ही दाखिला करने के प्रावधान पर कुलाधिपति, जेसीईसीईबी, झारखंड सरकार से कोर्ट ने जवाब देने को कहा है।
झारखंड के बीएड कॉलेजों में 85 प्रतिशत सीटों पर झारखंड के स्थानीय और झारखंड से ही स्नातक पास करने वालों का ही दाखिला करने के प्रावधान पर कुलाधिपति, झारखंड राज्य संयुक्त प्रवेश परीक्षा पर्षद (जेसीईसीईबी), झारखंड सरकार और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि को नोटिस जारी कर हाईकोर्ट ने जवाब देने को कहा है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने एसोसिएशन ऑल माइनरिटी ट्रेनिंग कॉलेज की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
याचिका में कहा गया है कि झारखंड यूनिवर्सिटी एक्ट में विश्वविद्यालयों की परीक्षा, नामांकन, पाठ्यक्रम, शुल्क निर्धारित करने का अधिकार कुलाधिपति को है। लेकिन बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए जो नियम बनाए गए हैं उसे संवैधानिक नहीं माना जा सकता। राज्य के बीएड कॉलेजों 85 प्रतिशत सीटों पर वैसे लोगों का नामांकन लेने का प्रावधान किया गया है जो झारखंड राज्य के स्थानीय निवासी हैं और जिन्होंने राज्य के कॉलेज से ही स्नातक की डिग्री हासिल की हो।
प्रार्थी की ओर से पक्ष रखते हुए वरीय अधिवक्ता ए अल्लाम ने अदालत को बताया कि यह प्रावधान असंवैधानिक है। किसी भी संस्थान में 85 फीसदी सीट आरक्षित नहीं की जा सकती। खासकर अल्पसंख्यक संस्थानों में इसे लागू नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसले में कहा है कि अल्पसंख्यक संस्थानों में 50 फीसदी सीटों पर,धर्म व भाषा के आधार पर दाखिला होगा। सुनवाई के बाद अदालत ने कुलाधिपति समेत सभी प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
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