एक सेमी की लंबाई कम होने से टूटा आर्मी में अग्निवीर बनने का सपना, मैं वापस आऊंगा कहकर घर लौटे
Agniveer recruitment : सैनिक बन देश सेवा करने का सपना संजोए सैकड़ों युवाओं के अरमान उस समय चकनाचूर होकर बिखर गए,जब एक सेमी की कमी के चलते उनका सिर निश्चित ऊंचाई पर लगी रॉड को नहीं छू पाया।
सैनिक बन देश सेवा करने का सपना संजोए सैकड़ों युवाओं के अरमान उस समय चकनाचूर होकर बिखर गए,जब मात्र एक सेंटीमीटर की कमी के चलते उनका सिर निश्चित ऊंचाई पर लगी रॉड को नहीं छू पाया। इसके चलते उन्हें अरमापुर के आरमरीना मैदान में चल रही अग्निवीर भर्ती से बाहर होना पड़ा। दूसरे दिन शुक्रवार को गोंडा और बाराबंकी के कुल पांच हजार युवा भर्ती के लिए पहुंचे थे। कानपुर पहुंचने वाले अभ्यर्थियों के लिए सेना की ओर से अरमापुर स्टेट के बगल वाले छोटे मैदान में रात गुजारने, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था की गई थी। गुरुवार सुबह शहर आए युवा अपनी बारी के इंतजार में दिनभर सड़क किनारे पेड़ों की छांव में लेटे रहे। वहीं, शाम को अधिकतर युवाओं ने छोटे वाले मैदान में दौड़ का अभ्यास किया।
रात साढ़े 12 बजे लगवाई अभ्यर्थियों की लाइन
भर्ती के लिए शुक्रवार रात साढ़े 12 बजे सैन्य अधिकारियों निर्देश पर युवाओं को लाइन में लगवाकर आरमरीना मैदान में प्रवेश दिया गया। मैदान में प्रवेश करते ही सबसे पहले सैन्यकर्मियों द्वारा अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र चेक किया गया। इसके बाद सभी को लंबाई की कसौटी पर परखा गया। कुछ तो ऐसे भी लंबे, चौड़े जवान रहे जिनका सिर बेहद आसानी से तय ऊंचाई के मानक को छू रहा था। लंबाई के इस मानक तक पहुंच पाने वाले युवाओं को ही अगले चरण के योग्य माना गया। वह खिले चेहरे के साथ अगले पड़ाव की ओर बढ़ गए। जहां उन्हें 1600 मीटर की दौड़ लगानी थी। बाकी जिनकी लंबाई कम थी, उनमें से कई के आंसू छलक पड़े। उन्हें मायूस लौटना पड़ा। सफल अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच की गई। इसी बीच सूर्योदय हो गया और करीब तीन-तीन सौ की संख्या वाले ग्रुप में अभ्यर्थियों को बैठाया गया।
सैन्य अधिकारियों के लाल झंडी दिखाते ही अभ्यर्थियों ने दौड़ना शुरू किया। कई ने तेजी से फर्राटा भरा, हालांकि आधी दूर पहुंचने पर ही उनका दम फूलने लगा। युवाओं ने पूरा प्रयास भी किया लेकिन थोड़ी देर बाद वह एक-एक कर दौड़ से बाहर हो गए। शुक्रवार को गोंडा के मानिकपुर तरबगंज और बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के युवाओं ने अग्निपरीक्षा दी।
मैं वापस आऊंगा..... का जज्बा दिखा लौटे
लंबाई, शैक्षिक दस्तावेजों और 1600 मीटर की दौड़ के मानकों में असफल युवा निराश दिखाई दिए। हालांकि सैनिक बनने से चूक गए इन युवाओं ने भी सैनिकों जैसा ही जज्बा दिखाया। युवा बोले,निराश हैं पर हताश नहीं हैं। अगली बार की भर्ती में इससे ज्यादा तैयारियों के साथ आएंगे और सफल होंगे। शनिवार को बाराबंकी के रामनगर, नवाबगंज, सिरौली गौसपुर, रामसनेही घाट और हैदरगढ़ तहसीलों के युवा अपना दम दिखाएंगे। 10 नवंबर तक चलने वाली इस भर्ती में गोंडा,बाराबंकी, उन्नाव,लखनऊ, कन्नौज, औरैया, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, फतेहपुर, कानपुर देहात और कानपुर जिले शामिल हैं।
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