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Hindi Newsकरियर न्यूज़69000 teachers recruitment: UP government argues in Supreme Court 37339 posts cannot be left vacant for ShikshaMitras

69000 शिक्षक भर्ती : सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की दलील, शिक्षामित्रों के लिए 37339 पद खाली नहीं रख सकते

यूपी में शिक्षामित्रों की भर्ती का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सुनवाई की तय तारीख 14 जुलाई से पहले अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और कहा है कि उसे शिक्षामित्रों के बगैर ही 69000 सहायक...

Alakha Ram Singh श्याम सुमन, नई दिल्ली Mon, 15 June 2020 02:25 AM
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यूपी में शिक्षामित्रों की भर्ती का विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। सुनवाई की तय तारीख 14 जुलाई से पहले अब राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है और कहा है कि उसे शिक्षामित्रों के बगैर ही 69000 सहायक शिक्षकों की भर्ती करने दी जाए।

 

सरकार का कहना है कि भर्ती परीक्षा 2019 में सिर्फ 8018 शिक्षामित्र ही 65/60 (सामान्य/आरक्षित) फीसदी उत्तीर्ण अंक लेकर पास हुए हैं। वहीं, इन पास अंकों से कम लेकिन 45/40 फीसदी से ज्यादा अंक वाले शिक्षामित्रों की संख्या 32629 है, 37339 नहीं जो कि 9 जून 2020 के आदेश में आ गया था। कोर्ट ने सरकार को 37339 पद नहीं भरने का आदेश दिया था क्योंकि कोर्ट को बताया गया था कि 45/40 फीसदी से ज्यादा अंक लेने वालों की संख्या 37339 है। सरकार ने कहा कि शिक्षामित्रों के लिए 37339 पद खाली नहीं रख सकते।

 

शिक्षकों के 51112 पद अभी और खाली: अधिवक्ता राकेश मिश्रा के जरिए शीर्ष अदालत में दाखिल अर्जी में सरकार ने कहा कि प्रदेश में सहायक शिक्षकों की 51112 रिक्तियां मौजूद हैं जिनकी भर्ती और विज्ञापन प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गई है। यदि कोर्ट सरकार को भर्ती परीक्षा 2019 को जारी रखने की अनुमति दे तो किसी पक्ष का कोई नुकसान नहीं होगा। फैसला होने पर शिक्षामित्रों को अगली भर्ती में एडजस्ट किया जा सकता है। यदि पद खाली रखे जाते हैं तो इससे अनावश्यक मुकदमेबाजी पैदा होगी क्योंकि 65/60 फीसदी से कम अंक लेने वाले गैर शिक्षामित्र उम्मीदवार इसी आधार पर नियुक्ति लेने का दावा करेंगे। ऐसे लोगों की संख्या 215000 (सामान्य और आरक्षित दोनों) से ज्यादा है।

 

कोई शिक्षा मित्र सहायक शिक्षक नहीं : सरकार ने कहा कि एक मई के आदेश में कोर्ट ने आदेश दिया था कि सहायक शिक्षक के रूप में काम कर रहे किसी शिक्षामित्र को न छुआ जाए। अधिवक्ता मिश्रा ने अर्जी में कहा कि वास्तविकता यह है कि कोई शिक्षा मित्र सहायक शिक्षक के तौर पर नहीं है। उन्हें 2108 में ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पदावनत कर शिक्षामित्र बना दिया गया था। इस आदेश में भी सुधार किया जाना आवश्यक है।

 

यह है विवाद 
शिक्षामित्रों का कहना है कि जो भी योग्य शिक्षामित्र 45/40 से ज्यादा अंक हासिल करते हैं, उन्हे भारांक देकर नियुक्ति दी जाए, लेकिन सरकार ने 2019 की परीक्षा में कट आफ अंक बढ़कर 65/60 कर दिए जिससे 32,629 शिक्षामित्र उम्मीदवार बाहर हो गए। हाईकोर्ट से उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी तो वे सुप्रीम कोर्ट आ गए। दरसअल भारांक देने की बात सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में की थी जब प्रदेश में लाखों शिक्षामित्रों की सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति को अवैध मानकर निरस्त किया गया था। कोर्ट ने कहा था कि भविष्य में होने वाली भर्ती में इन शिक्षामित्रों के अनुभव को देखते हुए सरकार अतिरिक्त भरांक देने पर विचार कर सकती है। मामले की सुनवाई सोमवार को होने की संभावना है।
 

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