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68,500 शिक्षक भर्ती : कॉपी गलत जांचने वाले शिक्षकों पर होगी जल्द कार्रवाई

68500 शिक्षक भर्ती में कॉपी गलत तरीके से जांचने वाले शिक्षकों पर अब जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। इसमें दोषी पाए गए 87 शिक्षकों के खिलाफ परीक्षा नियामक प्राधिकारी आरोपपत्र भेजने की शुरुआत कर चुका...

Manju Mamgain विशेष संवाददाता, लखनऊWed, 8 Jan 2020 07:21 AM
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68500 शिक्षक भर्ती में कॉपी गलत तरीके से जांचने वाले शिक्षकों पर अब जल्द ही कार्रवाई हो सकती है। इसमें दोषी पाए गए 87 शिक्षकों के खिलाफ परीक्षा नियामक प्राधिकारी आरोपपत्र भेजने की शुरुआत कर चुका है। 

27 शिक्षकों के नियुक्ति प्राधिकारी को आरोप पत्र भेजे जा चुके हैं। अब नियमानुसार इन शिक्षकों के नियुक्ति प्राधिकारी इन आरोपों की जांच दो सदस्यीय कमेटी से करवाएंगे और इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी। 

आरोपपत्र साक्ष्यों के साथ भेजे जा रहे हैं।  इन शिक्षकों के खिलाफ पहले ही प्रयागराज में एफआईआर  दर्ज की जा चुकी है। इनमें शिक्षकों के निलंबन से लेकर उनकी वेतनवृद्धि तक रोकी जा सकती है।
 
68,500 शिक्षक भर्ती के पुनर्मूल्यांकन में 4688 अभ्यर्थी पास हुए थे। वहीं उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने पाया कि लगभग 45 अभ्यर्थी ऐसे थे जो कॉपियों में फेल थे लेकिन उन्हें पास कर दिया गया। लिहाजा उन्हें नियुक्ति पत्र मिल गए। इन अभ्यर्थियों की कॉपयां भी दोबारा जांची गई। अब इनके निष्कासन के लिए पत्रावली शासन में भेजी गई है। ये शिक्षक राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रवक्ता और सहायक अध्यापक हैं।
   
अजब-गजब तरीके से भी बढ़े नंबर-
68500 शिक्षक भर्ती में लगभग 60 अभ्यर्थी ऐसे हैं जो इस आधार पर उच्च न्यायालय चले गए कि उन्हें अमुक प्रश्न में कम नंबर मिले हैं। कॉपियां देखने के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी को निर्देश देने के बजाय वहीं पर कॉपियों में उनके नंबर बढ़ा दिए गए। 

अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने याचिका दायर की है कि कॉपी जांचने का अधिकारी केवल परीक्षा करवाने वाली संस्था को है। इस शिक्षक भर्ती में अभ्यर्थियों ने दो हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा कर कॉपी की नकल हासिल की थी। 

500 कॉपी का पुनर्मूल्यांकन दोबारा-
68,500 शिक्षक भर्ती में 45,475 शिक्षकों को नौकरी करते हुए एक साल हो गया लेकिन अब भी इस भर्ती की कॉपी जांची जा रही हैं। लगभग 500 अभ्यर्थियों की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन हाईकोर्ट के आदेशों के तहत किया जा रहा है।  राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के मुख्यालय पर सचिव मनीषा त्रिघटिया व निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह की मौजूदगी में ये कॉपियां जांची जा रही हैं। 

इन अभ्यर्थियों की कॉपियों का एक बार पुनर्मूल्यांकन भी हो चुका है लेकिन इसके बाद भी इन्होंने हाईकोर्ट में कॉपियां ठीक से न जांचे जाने का दावा किया था। वहीं कुछ ऐसे अभ्यर्थी हैं जो पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन नहीं कर पाए थे। इस भर्ती में सफल 40,787 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र 4 सितंबर 2018 को दिए गए थे। इसके बाद पुनर्मूल्यांकन में  4688 शिक्षक फरवरी 2019 में पास हुए और इन्हें भी नियुक्त पत्र दिया गया। 

शिक्षक भर्ती यानी विवाद ही विवाद- 
पहली बार राज्य सरकार ने शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का निर्णय लिया और मई 2018 में परीक्षा करवाई गई। लेकिन रिजल्ट आने के साथ ही यह भर्ती विवादों में आ गई। इस परीक्षा में दो ऐसे अभ्यर्थी पास हो गये जो परीक्षा में अनुपस्थित थे। वहीं कुछ अभ्यर्थियों की कॉपियों में ज्यादा नंबर थे लेकिन वे फेल कर दिये गये थे।

कई अधिकारियों का निलम्बन हुआ। इस मामले की उच्चस्तरीय कमेटी से जांच करवाई गई और इसमें भी पाया गया कि लगभग 50 ऐसे अभ्यर्थी हैं जो कॉपियों में फेल थे लेकिन उन्हें पास दिखाते हुए नियुक्ति पत्र दे दिये गये। इसके बाद लगभग 33 हजार अभ्यर्थियों ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया और इसमें 4688 शिक्षक पास हुए। पुनर्मूल्यांकन और कट ऑफ अंकों के चलते यह भर्ती अब भी पूरी नहीं हो पाई है।

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