NEET UG : JEE की तरह नीट भी साल में 2 बार हो, कोचिंग टीचर की मांग पर हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला
- दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए जेईई की तरह वर्ष में दो बार नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है।
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दिल्ली हाईकोर्ट ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिए जेईई की तरह वर्ष में दो बार नीट (यूजी) परीक्षा आयोजित करने की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित करने या न करने का निर्णय प्रशासनिक क्षेत्राधिकार में आता है, जिसमें न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकते। पीठ ने कहा कि प्राधिकरणों को इस प्रार्थना पर विचार करना चाहिए। यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।
कोर्ट ने कहा, ‘याचिका पर विचार करना अधिकारियों का काम है। यह सरकार का नीतिगत निर्णय है।’ उच्च न्यायालय ने याचिका का निपटारा करते हुए याचिकाकर्ता को संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष अपना पक्ष रखने की स्वतंत्रता प्रदान की। याचिकाकर्ता एक कोचिंग सेंटर में शिक्षक हैं।
अदालत ने कहा कि यदि अधिकारियों को कोई आवेदन या प्रतिवेदन दिया जाता है तो उन्हें उस पर विचार करना चाहिए और कानून के तहत उचित निर्णय लेना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि जेईई (मेन) परीक्षा कई पालियों में आयोजित की गई थी और अभ्यर्थियों को मनोवैज्ञानिक दबाव कम करने और उन्हें अपने ग्रेड सुधारने के लिए प्रेरित करने के लिए कई मौके दिए गए थे।
याचिका में कहा गया है कि हालांकि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) (यूजी) में शामिल होने वालों को सिर्फ एक ही मौका दिया गया। उन्हें एक से अधिक बार मौका मिलना चाहिए। पीठ ने कहा कि कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं हैं जिनमें अभ्यर्थियों को कई मौके नहीं मिलते।
नीट 2025 के आवेदन जारी, जानें 3 अहम बादलाव
नीट के आवेदन 7 मार्च तक किए जा सकते हैं। वर्ष 2024 में 24 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। एनटीए हर वर्ष मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए नीट का आयोजन करता है। नीट यूजी से देश भर में एमबीबीएस, बीएएमस, बीयूएमस, बीएसएमएस और बीएचएमस, बैचलर ऑफ डेंटल स्टडीज (बीडीएस) और बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस एंड एनिमल हसबैंड्री (बीवीएससी एंड एएच) कोर्सेज में दाखिले होंगे। एमबीबीएस कोर्स के लिए 1,08,000 सीटें हैं। इनमें से 56 हजार सीटें सरकारी अस्पतालों में और 52 हजार सीटें निजी कॉलेजों में हैं।
1. परीक्षा अवधि घटी
अब 3 घंटे का समय मिलेगा। पहले 3 घंटे 20 मिनट का समय दिया जाता था। पेपर पहले की तरह 720 अंकों का ही होगा। पहले 20 अतिरिक्त सवालों को पढ़ने के लिए 3 घंटे की बजाय 3 घंटा 20 मिनट का समय मिलता था।
2. एग्जाम पैटर्न बदला
विद्यार्थियों को अभी तक 200 में से 180 प्रश्न हल करने होते थे, लेकिन अब 200 की बजाय 180 प्रश्न ही आएंगे। सभी 180 प्रश्न अनिवार्य होंगे। ऑप्शनल प्रश्न की सुविधा नहीं मिलेगी। ऑप्शनल प्रश्नों की शुरुआत कोविड के दौरान की गई थी जिसे अब हटाने का फैसला लिया गया है।
पहले नीट के 3 विषयों को दो-दो सेक्शन में बांटा गया था। फिजिक्स व केमिस्ट्री के सेक्शन में 35-35 सवाल व सेक्शन बी में 15-15 सवाल आया करते थे। इन दोनों विषयों के सेक्शन बी में से छात्रों को 10 सवाल हल करने होते थे। बायोलॉजी के दोनों सेक्शन (बॉटनी और ज्यूलॉजी) में भी यही पैटर्न था। अब सेक्शन बी को खत्म कर दिया गया है।
3. टाई ब्रेकिंग रूल में बदलाव
बार एनटीए ने एग्जाम पैटर्न, टाइमिंग के अलावा टाई ब्रेकिंग रूल में भी बदलाव किया है। पहले इसमें 7 नियम थे इस बार इसमें 8वां नियम जोड़ा गया है। कहा गया है कि अगर सातों क्राइटेरिया से टाई की समस्या हल नहीं होती है तो एनटीए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में रैंडम प्रक्रिया से से इसका हल निकालेगा।
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