Hindi Newsकरियर न्यूज़NEET JEE Main CUET NTA reforms: Govt panel suggest no permanent staffing but longer tenure for experts

परमानेंट कर्मचारी न रखें, ज्यादा सैलरी देकर एक्सपर्ट लंबे समय तक रखें, NTA में सुधार के लिए सुझाव

  • एनटीए के कामकाज में सुधार के लिए बनी समिति ने परीक्षा एजेंसी में स्थायी कर्मियों की नियुक्ति करने की जगह आकर्षक सैलरी के साथ एक्सपर्ट रखने की सलाह दी है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानThu, 19 Dec 2024 01:20 PM
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परीक्षा सुधारों पर केंद्र की उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) में स्थायी कर्मियों की नियुक्ति करने की जगह आकर्षक सेवा शर्तों के साथ कर्मियों तथा क्षेत्र विशेषज्ञों के लिए लंबे कार्यकाल की सिफारिश की है। चिकित्सा पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) और पीएचडी में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही सरकार ने एनटीए की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिए जुलाई में एक समिति का गठन किया था।

विपक्ष ने दावा किया था कि एनटीए का संचालन 25 से भी कम स्थायी कर्मचारी की मदद से हो रहा है और ये इतने कम कर्मियों के सहारे किसी तरह अत्यधिक प्रतिस्पर्धी नीट-यूजी सहित कई प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर. राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'एनटीए में कर्मियों की नियुक्ति करते समय स्थायीकरण से बचना समझदारी है। लेकिन फिर भी केंद्रीय कर्मियों की योजना, अकादमिक या विशेष संगठनों के माध्यम से कर्मियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों के लंबे कार्यकाल के माध्यम से निरंतरता तथा संस्थागत स्मृति को बनाए रखा जाना चाहिए।'

इसमें कहा गया है, 'सक्षम और इच्छुक व्यक्तियों को एनटीए में ट्रांसफर करने के लिए आकर्षक सेवा शर्तें तैयार की जा सकती हैं। इसमें प्रतिनियुक्ति पर विशेष वेतन/उच्च ग्रेड, प्रदर्शन-संबंधी प्रोत्साहन या योजनाएं, आयु सीमा में छूट शामिल हैं।'

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इस सात सदस्यीय समिति ने कहा है कि एनटीए को आंतरिक विषय-विशिष्ट मानव संसाधनों और विषय विशेष ज्ञान, अच्छे अनुभव तथा कौशल के साथ एक नेतृत्व समूह द्वारा संचालित किया जाना चाहिए, जो भविष्य में परीक्षण प्रक्रिया का प्रभार संभाले।

एनटीए के पुनर्गठन का सुझाव देते हुए सात सदस्यीय समिति ने कहा कि एजेंसी के पास एक 'सशक्त और जवाबदेह' शासी निकाय होना चाहिए, जिसमें परीक्षा ऑडिट, नैतिकता और पारदर्शिता; नामांकन तथा कर्मियों की स्थिति; एवं हितधारक संबंधों की देखरेख के लिए तीन नामित उप-समितियां हों।

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