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JEE Main , NEET : क्या NTA जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षा में प्रश्न रिपीट करता है?

  • JEE Main, NEET UG : यह बात सही है कि एनटीए जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाओं में सीधे सीधे प्रश्नों को नहीं दोहराता है, लेकिन कॉन्सेप्ट और टॉपिक की ओर नजर डाली जाएं तो यहां काफी समानताएं देखने को मिलती हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 18 Dec 2024 07:42 PM
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एनटीए यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी हर साल इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी आयोजित करता है। जेईई मेन परीक्षा में 11 लाख से ज्यादा और नीट यूजी में 22 लाख से ज्यादा विद्यार्थी हिस्सा लेते हैं। एनटीए लाखों स्टूडेंट्स के लिए जेईई मेन व नीट की अधिसूचना जारी करने, आवेदन लेने और एडमिट कार्ड जारी कर एग्जाम लेने और उसके बाद रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया का संचालन करता है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों के लिए इन परीक्षाओं की बारीकियों को समझना जरूरी है।

जेईई मेन से जहां आईआईटी एंट्रेंस एग्जाम जेईई एडवांस्ड का रास्ता निकलता है, वहीं नीट यूजी से एमबीबीएस व बीडीएस एडमिशन मिलता है। जेईई मेन और नीट यूजी एग्जाम से लाखों छात्रों के सपने जुड़े होते हैं। लाखों स्टूडेंट्स 11वीं क्लास से ही इन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाते हैं। कोचिंग करने लगते हैं। अगर रैंक अच्छी नहीं आती तो गैप ईयर देकर फिर से एग्जाम देते हैं।

दोनों परीक्षाएं कई चरणों में आयोजित की जाती हैं। जेईई मेन परीक्षा आमतौर पर जनवरी और अप्रैल में आयोजित की जाती है, उसके कुछ समय बाद जेईई एडवांस्ड परीक्षा होती है। नीट आमतौर पर मई में आयोजित की जाती है। इन परीक्षाओं का फॉर्मेट हालांकि मोटे तौर पर एक जैसा है। इनमें हाल ही में कुछ बदलाव भी देखे गए हैं। बहुत से स्टूडेंट्स दोनों एंट्रेंस देते हैं और दोनों क्रैक भी करते हैं।

क्या एनटीए प्रश्नों को दोहराता है

यह बात सही है कि एनटीए जेईई मेन और नीट यूजी परीक्षाओं में सीधे सीधे प्रश्नों को नहीं दोहराता है, लेकिन कॉन्सेप्ट और टॉपिक की ओर नजर डाली जाएं तो यहां काफी समानताएं देखने को मिलती हैं। पिछले कुछ वर्षों में एनटीए ने विषय की मौलिक समझ और वैचारिक स्पष्टता का आकलन करने पर फोकस किया है। प्रश्न पत्रों के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रश्नों के शब्द हूबहू तो नहीं मिलते लेकिन उनके बेसिक स्ट्रक्चर और नेचर काफी हद तक समान रहते हैं।

कॉन्सेप्ट और टॉपिक्स हुए रिपीट : जेईई मेन और नीट दोनों का अच्छा खास सिलेबस है। जेईई के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित जबकि नीट के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान हैं। इन विषयों में कुछ फंडामेंटल कॉन्सेप्ट हैं जिनका एग्जाम के दौरान बार बार टेस्ट लिया जाता है। उदाहरण के लिए मैकेनिक्स, थर्मोडायनामिक्स, ऑर्गेनिक केमिस्ट्री और इलेक्ट्रिसिटी से संबंधित कॉन्सेप्ट जेईई में मुख्य हैं जबकि जेनेटिक्स, ह्यूमन फिजियोलॉजी और इकोलॉजी पर जीव विज्ञान से संबंधित प्रश्नन नीट में बार-बार पूछे जाते हैं। प्रश्नों का फॉर्मेट अलग अलग हो सकता है। लेकिन नॉलेज का मेन एरिया समान रहता है। इससे छात्रों को उनकी तैयारी के लिए साफ तौर पर फोकस मिलता है।

प्रश्न पैटर्न और ट्रेंड्स: भले ही प्रश्न बिल्कुल हूबहू दोहराए नहीं जाते हैं, लेकिन उनका पैटर्न और ट्रेंड्स एक जैसे दिखते। जेईई मेन और नीट दोनों ही न केवल याद करने की क्षमता का टेस्ट लेता है बल्कि यह भी चेक करते हैं कि विद्यार्थी कॉन्सेप्ट्स को अलग अलग स्थितियों में किस तरह से लागू करने की काबिलियत रखता है। प्रश्नों का कठिनाई का स्तर साल-दर-साल अलग-अलग हो सकता है लेकिन उनका जनरल स्ट्रक्चर और कुछ विशेष टॉपिक्स पर जोर देने का रुझान एक जैसा रहता है।

उदाहरण के लिए जेईई मेन न्यूमेरिकल के लिए जाना जाता है जबकि नीट में जीवविज्ञान और इसके प्रैक्टिकल एप्लीकेशंस पर अधिक जोर देता है

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पिछले वर्षों के प्रश्न हल करना क्यों जरूरी है?

जेईई मेन और नीट दोनों की तैयारी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है पिछले सालों के प्रश्न पत्रों की ज्यादा से ज्यादा प्रैक्टिस करना। हालांकि एनटीए प्रश्नों को दोहराता नहीं है, लेकिन पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र परीक्षा पैटर्न, प्रश्न फॉर्मेट और अकसर पूछे जाने वाले विषयों के बारे में बहुत सारी डिटेल्स देते हैं।

- इससे एग्जाम पैटर्न की समझ पैदा होती है। प्रश्न किस तरह से घुमाकर आ सकते हैं, इसकी बारीकी से समझ आती है। कॉस्पेक्ट और क्लियर होते जाते हैं। पिछले प्रश्न पत्र हल कर अपना मूल्यांकन कर सकते हैं। इससे पता चलता है कि आपको कहां टारगेट करना है । छात्रों को यह पहचानने में मदद मिलती है कि पाठ्यक्रम के किन सेक्शंस पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

- स्पीड और टाइम मैनेजमेंट स्किल पर काम करने में मदद मिलती है। वास्तविक परीक्षा स्थितियों को फोलो कर छात्र यह आकलन कर सकते हैं कि उनकी एकुरेसी कितनी है। स्पीड और एकुरेसी से ही सफलता का रास्ता तय होता है।

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- प्रश्नों के अलग अलग टाइप और उसके कठिनाई के स्तर को समझने में मदद मिलती है।

- अपने प्रदर्शन का आकलन करने में मदद मिलती है। पता चलता है कि आप कितने पानी में है। क्या आपकी ताकत है और क्या कमजोरी। किस पर और मेहनत करने की जरूरत है।

पिछले वर्षों के प्रश्न पत्रों को सोल्व करने की आदत नीट के उम्मीदवारों के लिए जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान और भौतिकी जैसे विषयों को दिए जाने वाले वेटेज की साफ तस्वीर बताती है। इसी तरह जेईई के उम्मीदवारों को अपने न्यूमेरिकल प्रोब्लम सोल्विंग और कॉस्पेचुअल स्किल्स को निखारने से लाभ होता है।

यह सही है कि तैयारी के दौरान पिछले सालों के पेपरों की प्रैक्टिस बेहद जरूरी है लेकिन छात्रों को केवल उन पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। एनटीए नियमित रूप से अपने प्रश्न फॉर्मेट को अपडेट करता है और नए प्रकार के प्रश्न देता है। इसलिए उम्मीदवारों के लिए अपनी तैयारी को समग्र रूप से रखना आवश्यक है। जेईई व नीट दोनों को सफलतापूर्वक हल करने के लिए नियमित अभ्यास के साथ-साथ पाठ्यक्रम की व्यापक समझ आवश्यक है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर यह निचोड़ निकलता है कि एनटीए जेईई मेन और नीट में प्रश्नों को शब्दशः नहीं दोहराता है। प्रश्नों के स्ट्रक्चर, टॉपिक और क्वेश्चन टाइप अकसर पूछे जाने वाले पैटर्न को दर्शाते हैं।

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