CGL में धांधली के आरोपों पर राज्यपाल ने CM और JSSC को लिखा पत्र, छात्रों से मिले ये सबूत भी भेजे
- झारखंड सीजीएल परीक्षा मामले पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग्ग को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने को कहा है।
झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता (सीजीएल) परीक्षा मामले पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने संज्ञान लिया है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग्ग (जेएसएससी) को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने को कहा है। 21-22 सितंबर को राज्य के 823 केंद्रों में आयोजित सीजीएल परीक्षा पर अभ्यर्थियों ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने पत्र में अभ्यर्थियों द्वारा सौंपे गए साक्ष्य और अन्य बिंदुओं को संलग्न करते हुए निर्देश दिया है कि जांच के बाद आरोप सही मिलने पर मामले में अग्रेतर कार्रवाई करें। राज्यपाल ने जेएसएससी को भी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।
राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि उनके पास सीजीएल परीक्षा के अभ्यर्थी आए थे। उन्होंने परीक्षा में कदाचार को लेकर शिकायत की और पेन ड्राइव-सीडी समेत कई दस्तावेज और तथ्य उपलब्ध कराए। परीक्षा और आयोग की विश्वसनीयता बनी रहे, इसलिए जांच होनी चाहिए। सीएम सचिवालय और जेएसएससी को राज्यपाल का पत्र गुरुवार को प्राप्त हुआ।
बता दें कि बुधवार को अभ्यर्थियों ने राज्यपाल से मिलकर सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत की थी। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही उत्तर कुंजी मिल गई थी। इसके अलावा कई केंद्रों पर अनियमितता का भी जिक्र किया था।
आक्रोशित अभ्यर्थियों का कहना है कि गणित और रीजनिंग के 20-20 में से 16-16 सवाल 2018 और 2022 की एसएससी परीक्षा से मिल गए थे। वहीं, 21 सितंबर की परीक्षा में रीजनिंग के 17 प्रश्न एसएससी सीजीएल के 28 अगस्त 2016 में पूछे गये सवाल आए थे। इसके अलावा कई केंद्रों पर अनियमितता का भी जिक्र किया था।
मामले की जांच कराई जाएगी जेएसएससी
सीजीएल परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए अभ्यर्थियों ने गुरुवार को जेएसएससी कार्यालय में भी दस्तावेज सौंपे। इसपर आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। अभ्यर्थियों ने जो साक्ष्य सौंपे हैं, उसकी जांच टेक्निकल टीम करेगी। बता दें कि बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान जेएसएससी के अध्यक्ष ने कहा था कि पर्चा लीक या किसी प्रकार की गड़बड़ी के सबूत मिलने पर जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा था कि सिर्फ सील खुली रहने से प्रश्नपत्र लीक नहीं माना जा सकता। आरोप लगाने वाले प्रमाण देंगे तो जांच करेंगे। अगर प्रमाण नहीं देते हैं तो लगेगा कि यह सिर्फ षड्यंत्र है।
जेएसएससी दफ्तर के आसपास धरना और प्रदर्शन पर लगी रोक
रांची के नामकुम स्थित झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) कार्यालय के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। सदर एसडीओ उत्कर्ष कुमार ने बीएनएसएस की धारा-163 के तहत दो अक्तूबर की रात 10 बजे तक निषेधाज्ञा लागू की है।
एसडीओ की ओर से जारी आदेश के मुताबिक निषेधाज्ञा के दौरान जेएसएससी कार्यालय के 100 मीटर के दायरे में धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा पर रोक लगाई गई है। उक्त आदेश जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्त किसी भी पदाधिकारी अथवा सुरक्षा बलों पर लागू नहीं होगा। निषेधाज्ञा के दौरान किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजन के लिए सक्षम प्राधिकार से पूर्वानुमति आवश्यक होगी।
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