CBSE 10th Hindi Exam analysis : आसान लेकिन लंबा था सीबीएसई 10वीं हिंदी पेपर, क्या बोले छात्र व टीचर
- CBSE Class 10 Hindi exam analysis : सीबीएसई 10वीं हिंदी पेपर का विश्लेषण करते हुए कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा कि कक्षा 10वीं हिंदी का पेपर थोड़ा लंबा था।
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सीबीएसई ने 28 फरवरी शुक्रवार को 10वीं का हिंदी का पेपर आयोजित करेगा। हिंदी कोर्स ए और हिंदी कोर्स बी दोनों परीक्षाएं एक ही दिन कराई गईं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हिंदी का प्रश्न पत्र काफी बैलेंस्ड था। सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल के विषय विशेषज्ञ ललित कुमार मिश्रा ने कहा कि प्रश्नपत्र संतुलित था। तय समय के भीतर पूरा किया जा सकता था। इससे छात्रों को कोई खास कठिनाई नहीं हुई। व्याकरण और रचनात्मक लेखन के प्रश्न छात्रों की भाषा और लेखन कौशल का आकलन करने के लिए व्यावहारिक तरीके से तैयार किए गए थे। इसके अतिरिक्त प्रश्नपत्र में स्किल बेस्ड और वेल्यू बेस्ड प्रश्न शामिल थे। प्रश्नपत्र में इस्तेमाल की गई भाषा स्पष्ट थी। इससे छात्रों को बिना अधिक समय जाया किए प्रश्नों को समझने में मदद मिली।
ललित मिश्रा ने कहा कि कुल मिलाकर सीबीएसई कक्षा 10वीं हिंदी का प्रश्नपत्र अच्छी तरह से बनाया गया था। इससे छात्रों की भाषाई क्षमताओं, रचनात्मक अभिव्यक्ति और आलोचनात्मक सोच कौशल का काफी बेहतर ढंग से आकलन किया गया।
दिल्ली में परीक्षा देकर निकले प्रणव कुमार नाम के छात्र ने कहा प्रश्नपत्र अपेक्षा से अधिक आसान था। कठिनाई का स्तर बहुत कम था और प्रश्नों को हल करने में कोई परेशानी नहीं हुई। उसी स्कूल की एक अन्य छात्रा नेहा ने बताया कि कुछ एमसीक्यू प्रश्न मुश्किल थे, लेकिन बाकी प्रश्न पत्र औसत कठिनाई वाले थे और उन्हें तय समय के भीतर पूरा किया जा सकता था।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद के सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल में टीजीटी टीचर (हिंदी) शिखा सोलंकी और आशा सहगल ने बताया कि हिंदी का पेपर संतुलित था, जो एनसीईआरटी कोर्स के अनुरूप था। रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन आसान था। कुछ खंड थोड़े अधिक चुनौतीपूर्ण थे। इस परीक्षा ने छात्रों को अपने साहित्यिक ज्ञान, भाषा कौशल और रचनात्मक सोच को प्रदर्शित करने का एक अच्छा अवसर प्रदान किया।
नोएडा के ग्लोबल इंडियन इंटरनेशनल स्कूल (जीआईआईएस) के टीजीटी हिंदी शिक्षक महेंद्र सिंह तोमर ने पेपर का विश्लेषण करते हुए कहा, 'कक्षा 10वीं हिंदी का पेपर थोड़ा लंबा था। हालांकि हमारे छात्र इसे आसानी से और आत्मविश्वास के साथ हल करने में सक्षम थे। छात्रों को कॉम्प्रिहेंशन पैसेज में से एक सवाल थोड़ा मुश्किल लगा, लेकिन वे इसे समय पर हल करने में सक्षम थे।' तोमर ने कहा कि लेखन और साहित्य सेक्शन में प्रश्न सीधे और सीबीएसई द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पर आधारित थे। व्याकरण भी बहुत आसान था।
हिंदी के पेपर पर प्रतिक्रिया देते हुए सीतापुर के पीजीटी हिंदी टीचर अजय चौबे ने कहा कि तीनों सेट के प्रश्नपत्र औसत दर्जे के थे। इनमें ज्ञान, विश्लेषण और अनुप्रयोग आधारित प्रश्नों का संतुलित मिश्रण था। इससे छात्रों को आलोचनात्मक ढंग से सोचने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि इस साल व्याकरण सेक्शन से बहुविकल्पीय प्रश्नों को हटाने के कारण छात्रों को प्रश्नों को हल करने में थोड़ा समय लगा लेकिन इससे उनके अंकों में वृद्धि होने की संभावना है।
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