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बिहार लेखापाल सह आईटी सहायक भर्ती में अभ्यर्थियों का चयन जिला स्तर पर होगा

  • पंचायती राज विभाग ने 6570 लेखापाल सह आईटी सहायक के पदों पर जल्द अभ्यर्थियों का चयन पूरा कराने के लिए कहा है। जनवरी अंत तक आवेदन लेकर कमेटी चयन की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी होने की उम्मीद है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान ब्यूरो, पटनाFri, 27 Dec 2024 07:55 AM
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बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग में लेखापाल सह आईटी सहायक के पद पर तकनीकी सहायक पदों पर अभ्यिर्थियों का चयन जिलास्तरीय कमेटी के माध्यम से होगा। पंचायती राज विभाग ने 6570 लेखापाल सह आईटी सहायक के पदों पर जल्द अभ्यर्थियों का चयन पूरा कराने के लिए कहा है। माना जा रहा है कि जनवरी अंत तक आवेदन लेकर कमेटी चयन की प्रक्रिया अप्रैल तक पूरी कर देगी। लेखापाल के पद खाली रहने के कारण पंचायतों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। पिछले दिनों पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने तकनीकी सहायक की बहाली के लिए पुरानी प्रक्रिया अपनाने के लिए कहा था। इस कारण पंचायती राज विभाग ने बहाली के लिए जिला स्तरीय कमेटी से कराने की तैयारी की है।

इसके पहले लेखापाल के पद पर बहाली एजेंसी के माध्यम से होनी थी। पंचायती राज विभाग के तहत सोसाइटी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। शैक्षणिक योग्यता बीकॉम या एमकॉम या सीए इंटर वाले 73 हजार 952 अभ्यर्थियों ने आवेदन भी किया था। परीक्षा के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन होना था। लेकिन इस प्रक्रिया में बिचौलिये की सक्रियता की शिकायत मिलने पर पंचायती राज विभाग ने राज्य के किसी आयोग के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी कराने की तैयारी की थी। लेकिन अब फिर पुराने तरीके जिला स्तर की कमेटी के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करने के लिए कहा गया है। लेखापाल सह आईटी सहायक के 6570 पदों में पुरुष के लिए 4270 पद है, जबकि महिला अभ्यर्थियों के लिए 2300 पद हैं। अभी राज्य में लगभग 1600 लेखापाल सह आईटी सहायक है।

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यह है काम

पंचायतों के दस्तावेजों को सही प्रकार से रखरखाव करने के साथ ही योजनाओं की निगरानी की भी जिम्मेदारी। राशि खर्च के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने में सहयोग। पंचायतों में विभिन्न कार्य प्रगति की स्थिति का भी आकलन करते हैं। विभागीय निर्देश का पालन करते हुए समय पर अंकेक्षण कराना सुनिश्चित करते हैं। वित्त अयोग व अन्य माध्यम से पंचायतों को भेजी गई राशि का समुचित लेखा संधारण, अंकेक्षण की स्थिति और कचहरी के रोकड़ बही की जांच की स्थिति के साथ ही आय-व्यय की जांच करना है।

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