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BEd , MEd : बीएड के बाद क्या कोर्स चुनें, एमएड किसे करना चाहिए

  • बीएड यानी बैचलर इन एजुकेशन के बाद जो दो पाठ्यक्रम लोकप्रिय हैं, वे एमएड यानी मास्टर इन एजुकेशन एवं एमए यानी मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन हैं।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तानThu, 13 Feb 2025 06:17 PM
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BEd ,  MEd : बीएड के बाद क्या कोर्स चुनें, एमएड किसे करना चाहिए

प्रश्न : मैंने इस वर्ष बीएड कोर्स पूरा किया है और आगे पोस्ट ग्रेजुएशन करना चाहती हूं। एमएड और एमए इन एजुकेशन कोर्स में क्या फर्क है? मुझे कौन सा पाठ्यक्रम करना चाहिए? कृपया सलाह देने का कष्ट करें।

करियर काउंसलर का उत्तर - किसी भी प्रोफेशन में औसत से बेहतर करने के लिए उस विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन करना हमेशा ही बेहतर होता है, क्योंकि इससे आपको एक अतिरिक्त शैक्षणिक योग्यता प्राप्त हो जाती है। बीएड यानी बैचलर इन एजुकेशन के बाद जो दो पाठ्यक्रम लोकप्रिय हैं, वे एमएड यानी मास्टर इन एजुकेशन एवं एमए यानी मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन हैं। उक्त दोनों पाठ्यक्रमों की अवधि 2 वर्ष है, परंतु इन दोनों में कुछ बुनियादी फर्क हैं

1 कोर्स में प्रवेश यदि आप एमएड यानी मास्टर इन एजुकेशन कोर्स में दाखिला चाहते हैं, तो बीएड जरूरी है। एमएड कोर्स का अप्रूवल भारत सरकार की संस्था नेशनल काउन्सिल फॉर टीचर्स एजुकेशन यानी एनसीटीई द्वारा होता है। वहीं, 2 वर्षीय एमए इन एजुकेशन कोर्स में दाखिले के लिए बीएड जरूरी नहीं है और किसी भी विषय से स्नातक दाखिला ले सकता है। एमए इन एजुकेशन विश्वविद्यालय के अधीन चलाया जाने वाला पीजी डिग्री कोर्स है। एमएड में दाखिला कम्बाइंड एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से होता है, जबकि एमए इन एजुकेशन में विश्वविद्यालयों की अपनी प्रवेश प्रक्रिया है।

2 शुल्क प्रवेश योग्यता की तरह उक्त दोनों पाठ्यक्रमों के शुल्क में भी बड़ा अंतर है। इन पाठ्यक्रमों को चलाने वाले ज्यादातर संस्थान निजी हैं। एक आंकड़े के अनुसार, जहां एक ओर एमएड कोर्स का शुल्क 1.5 लाख रुपये तक हो सकता है, वहीं एमए इन एजुकेशन कोर्स आप इससे एक तिहाई शुल्क में ही पूरा कर सकते हैं। कम खर्चीला होने के कारण एमए इन एजुकेशन कोर्स लोकप्रिय है।

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3 नौकरी के अवसर अमूमन एमएड कोर्स उन छात्रों द्वारा किया जाता है, जो किसी बीएड कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अपना करियर बनाना चाहते हैं। एक बीएड कॉलेज में 16 लोगों की असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर नियुक्ति की जाती है, जिनमें बीएड छात्रों को विभिन्न विषयों में शिक्षा शास्त्रत्त् को पढ़ाने के लिए एमएड डिग्रीधारियों को नियुक्त किया जाता है, वहीं फाउंडेशन विषयों को पढ़ाने के लिए एमए इन एजुकेशन डिग्रीधारियों को रखा जाता है। बीएड कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए उपरोक्त योग्यता के अतिरिक्त यूजीसी नेट क्वालीफाई करना भी जरूरी है। यदि आप किसी स्कूल में शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं, तो एमए इन एजुकेशन से प्राचार्य बन सकते हैं।

4 आगे की पढ़ाई के लिए अवसर यदि कोई छात्र आगे यूजीसी नेट या पीएचडी कोर्स में दाखिला लेना चाहे, तो वह एमएड या एमए इन एजुकेशन में से किसी भी पाठ्यक्रम को पूरा कर आगे बढ़ सकता है। आगे की पढ़ाई के लिए इसमें किसी प्रकार की कोई भी बाध्यता नहीं है।

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