BEd : यूपी में जीआईसी प्रवक्ता भर्ती के लिए बीएड अनिवार्य, KVS PGT जैसी 50 प्रतिशत अंक की बाध्यता नहीं
- एनसीटीई की अधिसूचना के बाद उत्तर प्रदेश के इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती के लिए बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है।

उत्तर प्रदेश के सभी 534 राजकीय इंटर कॉलेजों और 440 राजकीय बालिका इंटर कॉलेजों में प्रवक्ता भर्ती के लिए बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। पिछले महीने 28 मार्च को जारी उत्तर प्रदेश विशेष अधीनस्थ शैक्षणिक (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (द्वितीय संशोधन) नियमावली 2024 में यह बदलाव किया गया है। इससे पहले 2020 में आई प्रवक्ता भर्ती में बीएड अधिमानी अर्हता थी और चयन में वरीयता मिलती थी। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 16 दिसंबर 2014 को जारी अधिसचूना में प्रवक्ता भर्ती के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएड को अनिवार्य कर दिया था। केंद्रीय विद्यालयों की पीजीटी (प्रवक्ता) भर्ती ( KVS PGT Teacher Recruitment 2025 ) में भी बीएड अनिवार्य अर्हता है।
यूपी के राजकीय इंटर कॉलेजों की प्रवक्ता भर्ती की संशोधित नियमावली में बीएड को अनिवार्य तो किया गया है हालांकि न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक का प्रतिबंध नहीं है। अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की शिक्षक भर्ती की नियमावली में संशोधन हो चुका है और उसका गजट भी जारी हो गया है। अब संशोधित नियमों के अनुसार ही शिक्षक भर्ती की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को प्रवक्ता के 1658 (836 महिला व 822 पुरुष) के रिक्त पदों का अधियाचन भेजा है और अगले महीने भर्ती के लिए आवेदन शुरू होने की उम्मीद है।
कुछ विषयों में छूट
संशोधित नियमावली में कुछ विषयों में बीएड की अनिवार्यता से छूट दी गई है। गृह विज्ञान (महिला शाखा), सिलाई (महिला शाखा), कला (पुरुष शाखा), वाणिज्य सैन्य विज्ञान (पुरुष शाखा) में आवेदन के लिए बीएड अनिवार्य नहीं है।
दो विषयों में नहीं होगी प्रवक्ता भर्ती
प्रवक्ता के दो विषयों में अब भर्ती नहीं होगी। संशोधित नियम में प्रवक्ता भूगर्भशास्त्र (पुरुष शाखा) और अभियंत्रण (पुरुष शाखा) विषयों को निकाल दिया गया है।
समकक्ष शब्द को नियमावली से हटाया
प्रवक्ता और एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती की संशोधित नियमावली की सबसे खास बात यह है कि समकक्षता शब्द को पूरी तरह से हटा दिया गया है। हर बार भर्ती के समय समकक्षता शब्द की आड़ में ही मुकदमेबाजी होती थी और चयन प्रक्रिया पूरी होने में समय लगता था। संशोधित नियमों में हर विषय के लिए मान्य डिग्री का नाम स्पष्ट लिख दिया गया है ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
प्रवक्ता इतिहास की योग्यता का विवाद भी खत्म
प्रवक्ता भर्ती की संशोधित नियमावली में इतिहास विषय को लेकर होने वाले विवाद पर भी विराम लगा दिया है। संशोधित अर्हता में प्रवक्ता इतिहास के लिए प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि को मान्य किया गया है। पहले नियमावली में सिर्फ इतिहास विषय लिखा था। कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिनकी डिग्री पर प्राचीन इतिहास, मध्यकालीन इतिहास या आधुनिक इतिहास लिखा होता है। इन डिग्रीधारियों के आवेदन पर विवाद होता था और अभ्यर्थियों को कोर्ट के चक्कर लगाने होते थे।