उत्तराखंड के 20 में से 12 आयुष कॉलेज रेटिंग से बाहर, जानें किन संस्थानों को मिली जगह
- रेटिंग में उत्तराखंड के कुल बीस कॉलेजों में से महज आठ मानकों पर खरे उतरे जबकि 12 अयोग्य पाए गए। इन 12 कॉलेजों में से एक पूर्व में बंद हो चुका है।
उत्तराखंड के अधिकतर आयुष कॉलेज, तय मानकों पर खरे नहीं उतरे। यह खुलासा नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआईएसएम) की ओर से जारी रेटिंग से हुआ। रेटिंग में उत्तराखंड के कुल बीस कॉलेजों में से महज आठ मानकों पर खरे उतरे जबकि 12 अयोग्य पाए गए। इन 12 कॉलेजों में से एक पूर्व में बंद हो चुका है। देशभर में मूल्यांकन दरअसल हाल में एनसीआईएसएम के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड ने देशभर के आयुष कॉलेजों में निर्धारित मानकों के पालन का मूल्यांकन कराया। बोर्ड ने मूल्यांकन के बाद पहली बार इसकी रेटिंग भी जारी की। एनसीआईएसएम ने यह रेटिंग अपनी वेबसाइट पर जारी की है। इसमें देशभर के 552 कॉलेज शामिल थे। इनमें से मानकों के अनुसार 221 कॉलेजों को तीन कैटेगरी में जगह मिली है। इसके तहत ‘ए’ कैटेगरी के 55 कॉलेजों में उत्तराखंड का महज एक कॉलेज है। ‘बी’ कैटेगरी की बात करें तो इसके 55 कॉलेजों में भी प्रदेश का सिर्फ एक कॉलेज ही जगह बना पाया। ‘सी’ कैटेगरी में 111 कॉलेजों में राज्य के छह कॉलेज शामिल हैं।
आयुर्वेद विवि के पूर्व संकायध्यक्ष डॉ.आरके मिश्रा ने बताया कि संस्थानों को आवंटित ग्रेड या रेटिंग सर्टिफिकेट अपनी साइट पर डालना अनिवार्य है। उन्होंने कहा-सरकार की इस पहल से संस्थानों में प्रतिस्पर्धा का लाभ छात्रों व मरीजों को बेहतर तरीके से मिलेगा।
आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव रामजी शरण शर्मा ने कहा, 'आयुष कॉलेजों का मूल्यांकन मेरे ज्वाइन करने से पहले ही हो चुका था। हालांकि अब तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए विवि स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। सरकारी कॉलेजों को जल्द ही ‘ए’ रेटिंग में लाएंगे। निजी कॉलेजों को भी सुधार के लिए निर्देशित किया है।'
- 552 कॉलेजों का देश भर में हुआ था मूल्यांकन
- 8 कॉलेज ही रेटिंग में आ पाए उत्तराखंड के बीस आयुष कॉलेजों में से
सरकारी में एक कॉलेज अयोग्य, दो सी श्रेणी में
उत्तराखंड में सरकारी आयुष कॉलेजों का हाल भी बुरा रहा। हर्रावाला परिसर तो रेटिंग लायक ही नहीं मिला। वहीं, ऋषिकुल एवं गुरुकुल परिसर सी श्रेणी में जगह बना पाए। जिन कॉलेजों को रेटिंग से बाहर किया गया, उनके पीछे सीट कटौती, पेनल्टी और विगत वर्षों में मान्यता की अनुमति नहीं मिलने जैसी वजह रहीं। इस मूल्यांकन में पांच वर्ष पहले तक खुले कॉलेजों को ही शामिल किया गया।
रेटिंग के तीन वर्गों में ये कॉलेज ही बना पाए स्थान
- ए रेटिंग पतंजलि भारतीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान, हरिद्वार
- बी रेटिंग हिमालयी आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, डोईवाला
- सी रेटिंग गुरुकुल आयुर्वेद कॉलेज, हरिद्वार, दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, शंकरपुर, देहरादून देवभूमि मेडिकल कॉलेज ऑफ आयुर्वेद, मांडूवाला, शिवालिक इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद एंड रिसर्च, झाझरा, मदरहुड आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज, भगवानपुर, ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज हरिद्वार। उधर, इसी तरह एनसीएच द्वारा देशभर में कराए गए मूल्यांकन में उत्तराखंड का एकमात्र चंदोला होम्योपैथी कॉलेज, रुद्रपुर ‘सी’ श्रेणी में जगह बना पाया।
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