क्यों क्रैश हुआ शेयर मार्केट, इसके पीछे ये 4 कारण, 7 लाख करोड़ से अधिक डूबे
- सेंसेक्स 1400 से अधिक अंकों का गोता लगाकर 78294 के लेवल पर आ गया है। निफ्टी भी 454 अंक लुढ़क कर 23850 पर है। इस बीच, सुबह साढ़े दस बजे के करीब BSE पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 441.3 लाख करोड़ रुपये रह गया।
घरेलू शेयर माार्केट के लिए यह सोमवार तबाही लेकर आया है। सेंसेक्स 1400 से अधिक अंकों का गोता लगाकर 78294 के लेवल पर आ गया है। निफ्टी भी 454 अंक लुढ़क कर 23850 पर है। इस बीच, सुबह साढ़े दस बजे के करीब BSE पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप 6.8 लाख करोड़ रुपये घटकर 441.3 लाख करोड़ रुपये रह गया। अब तक निवेशकों को 7 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है। सेंसेक्स में रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, ICICI बैंक, HDFC बैंक और सन फार्मा सबसे अधिक पिछड़े रहे। एलएंडटी, एक्सिस बैंक, TCS और टाटा मोटर्स ने भी इंडेक्स को कमजोर।
आज के बाजार में गिरावट के पीछे प्रमुख कारण
अमेरिकी चुनाव से पहले घबराहट
ईटी के मुताबिक 5 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता ने आज भारतीय बाजार में भूचाल ला दिया है। डेमोक्रेटिक उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और रिपब्लिकन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच कड़ी टक्कर के साथ, निवेशक संभावित आर्थिक प्रभावों से सावधान हैं। चुनाव परिणाम भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले अलग-अलग नीति दृष्टिकोणों को जन्म दे सकते हैं। हैरिस की जीत से अमेरिकी फेडरल रिजर्व से अधिक उदार रुख अपनाने की प्रेरणा मिल सकती है, जिससे संभवतः भारतीय रिजर्व बैंक घरेलू दरों को कम कर सकता है। इससे गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) को लाभ होगा। इसके विपरीत, ट्रम्प की जीत से अमेरिकी ब्याज दरें ऊंची रह सकती हैं।
फेड मीटिंग का रिजल्ट
7 नवंबर को होने वाली आगामी अमेरिकी फेडरल रिजर्व पॉलिसी मीटिंग भी भारतीय बाजार में आशंकाओं को बढ़ा रही है। विश्लेषकों को संभावित दर में कमी की उम्मीद है, जो भारत में विदेशी निवेश प्रवाह को बढ़ा सकती है। हालांकि, जब तक फेड के रुख पर स्पष्टता नहीं होती, तब तक निवेशकों के सतर्क रहने की संभावना है, जो आज के बाजार में गिरावट का कारण बन सकता है।
निराशाजनक तीसरी तिमाही के नतीजे
भारतीय कॉरपोरेट्स की निराशाजनक Q2 आय से निवेशक भावना कम हो गई है, जिसने इक्विटी बाजार में गिरावट में योगदान दिया और FII को भारतीय शेयरों को बेचने के लिए प्रेरित किया।
तेल की कीमतों में उछाल
सोमवार को शुरुआती कारोबार में तेल की कीमतों में 1 डॉलर से अधिक की वृद्धि हुई। ब्रेंट वायदा 1.18 डॉलर प्रति बैरल या 1.61% बढ़कर 74.28 डॉलर प्रति बैरल हो गया। यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 1.20 डॉलर प्रति बैरल या 1.73% बढ़कर 70.69 डॉलर हो गया।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।