सोने के भाव में क्यों आया उछाल? कहां पहुंचेगा गोल्ड, चांदी 120000 को कर सकती है टच
- साल के अंत तक चांदी 120000 रुपये तक के लेवल को छू सकती है। जबकि, सोना 79000 के लेवल को टच कर सकता है।
Gold Price Outlook: सर्राफा बाजारों से लेकर इंटरनेशल मार्केट तक में हाजिर सोने का भाव ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। आज MCX पर भी सोने की कीमतें अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। चांदी के तेवर भी गरम हैं और यह भी 90000 के पार चली गई है। बता दें जुलाई में आए पूर्ण बजट में कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद सोना औंधेमुंह गिर गया था। तब से अब तक इसमें करीब 8000 रुपये की उछाल दर्ज की गई है। इस साल के अंत तक यह 79000 के लेवल तक टच कर सकता है।
पहली बार ₹75,000 के पार
मंगलवार को MCX पर सोने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गईं, पहली बार ₹75,000 से ऊपर बंद हुईं। आज यानी बुधवार को भी सोना 75000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर ट्रेड कर रहा है। दोपहर एक बजे के करीब 4 अक्टूबर के लिए 24 कैरेट गोल्ड का वायदा भाव 75080 रुपये प्रति 10 ग्राम था। जबकि, चांदी का 5 दिसंबर के लिए वायदा भाव 91580 रुपये था।
क्यों रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे सोने के भाव
केडिया कमोडिटिज के प्रेसीडेंट अजय केडिया ने सोने की कीमतों में उछाल के पीछे कारणों पर प्रकाश डाला। हिन्दुस्तान से बातचीत में उन्होंने बताया कि इजरायल-लेबनान, इजरायल-हमास और रूस-यूक्रेन जैस भू-राजनीतिक तनाव और फेड के संकेतों के कारण सितंबर में सोने में 4.74% की वृद्धि हुई। अमेरिकी डॉलर कमजोर होकर 100.51 पर आ गया, जिससे सोने में तेजी आई। वहीं, मुद्रास्फीति में कमी के बीच फेड अधिकारियों ने दरों में और कटौती के संकेत दिए। इजरायल-हिजबुल्लाह संघर्ष के बढ़ने से सुरक्षित-संपत्तियों की मांग बढ़ गई है।
केडिया ने बताया कि अमेरिकी डॉलर में उतार-चढ़ाव से भी सोने के बाजार में तेजी को समर्थन मिला है। फेडरल रिजर्व के अधिकारियों द्वारा अधिक उदार मौद्रिक नीति का संकेत दिए जाने के कारण डॉलर सूचकांक गिरकर 100.51 पर आ गया, जो हाल के महीनों में सबसे कम है। अमेरिका में मुद्रास्फीति में कमी ने आक्रामक मौद्रिक सख्ती से ध्यान हटा दिया है, जिससे सोना अधिक आकर्षक निवेश बन गया है।
इसके अलावा अमेरिकी उपभोक्ता विश्वास सूचकांक सितंबर में गिरकर 98.7 पर आ गया, जो अगस्त में 105.6 था, जो आर्थिक स्थिरता पर बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है। इस डेटा ने इस दृष्टिकोण को और पुख्ता किया है कि फेडरल रिजर्व को अर्थव्यवस्था का समर्थन करने के लिए अपनी नीतियों को आसान बनाने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव के खिलाफ बचाव के रूप में सोने की मांग बढ़ रही है।
सोने से तेज है चांदी की रफ्तार
अजय केडिया ने बताया कि चांदी का रेट सोने से तेज भाग रहा है। इस साल के अंत तक सोना 79000 के लेवल पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि चांदी का भाव सोने से तेज गति से भाग रहा है। क्योंकि, गोल्ड-सिल्वर रेश्यो में गिरावट है और यह 83.5 पर आ गया है। साल के अंत तक यह 120000 रुपये तक के लेवल को छू सकती है।
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