Fastag के जरिए कंपनियां इस तरह काट रहीं यात्रियों की जेब, सबसे अधिक मामले चार बैंकों से जुड़े
- देश में बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी 12 प्रमुख कंपनियां ग्राहकों को फास्टैग की सेवा देती हैं। इसमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के सबसे ज्यादा फास्टैग इस्तेमाल करने वाले ग्राहक हैं। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक और एक्सिस बैंक का नंबर आता है।
एक्सप्रेसवे और नेशनल हाइवे पर सफर के दौरान वाहनों पर लगे फास्टैग (Fastag) के जरिए शुल्क काटने में गड़बड़ी की शिकायतें बढ़ रही हैं। नवंबर 2024 में फास्टैग सेवा मुहैया कराने वाली कंपनियों को ग्राहकों की शिकायतों के बाद 1.28 लाख से अधिक की धनराशि को वापस लौटाना पड़ा। आंकड़े बताते हैं कि बीते कुछ महीनों के दौरान गलत तरीके से शुल्क काटे जाने के मामले बढ़े हैं, जिस कारण से ग्राहक लिखित शिकायत कर धनराशि वापस मांग रहे हैं। बीते साल सितंबर से लेकर नवंबर के बीच 4.29 लाख से अधिक मामलों में धनराशि लौटानी पड़ी थी।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) फास्टैग से जुड़े ट्रांजैक्शन पर नजर रखता है। फास्टैग सर्विस देने वाली कंपनियां ग्राहकों की शिकायतों का कैसे समाधान कर रही हैं और कितनी शिकायतों की जांच कर गलत तरीके से काटी गई धनराशि को वापस लौटाया जा रहा है, यह सब निगरानी एनपीसीआई द्वारी की जाती है।
आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर 2024 में सबसे अधिक 1.73 लाख टोल कटौती से जुड़ी शिकायतों को फास्टैग सेवा प्रदाता कंपनियों ने स्वीकार किया। उन्होंने माना कि काटे गए शुल्क में गड़बड़ी हुई है।
इसलिए इनसे जुड़ी धनराशि को शिकायतकर्ताओं को वापस लौटाया गया। उसके बाद थोड़ी कमी आई है, लेकिन एनपीसीआई से जुड़े अधिकारी कहते हैं कि अब भी प्रतिमाह फास्टैग से काटी गई धनराशि से जुड़े सवा लाख से अधिक मामलों में धनराशि ग्राहकों को वापस करनी पड़ रही है।
कुछ इस तरह की हैं शिकायतें
गाड़ी घर में खड़ी थी, लेकिन उससे हाईवे या एक्सप्रेसवे पर सफर दिखाकर टोल काटा गया।
एक्सप्रेसवे पर निकास शुल्क 50-60 किलोमीटर का सफर करने के बाद काटा गया। कई मामलों में ज्यादा किलोमीटर का सफर दिखाकर अधिक शुल्क काटा गया।
नेशनल हाइवे पर आने-जाने का सफर 24 घंटे में पूरा किया गया, लेकिन लौटते वक्त शुल्क में छूट का लाभ नहीं दिया गया।
फास्टैग एक्टिव होने के बाद भी टोल प्लाजा पर फास्टैग वॉलेट से दोगुना शुल्क काट लिया गया।
सबसे अधिक मामले चार बैंकों से जुड़े
देश में बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी 12 प्रमुख कंपनियां ग्राहकों को फास्टैग की सेवा देती हैं। इसमें आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के सबसे ज्यादा फास्टैग इस्तेमाल करने वाले ग्राहक हैं। उसके बाद आईसीआईसीआई बैंक, येस बैंक और एक्सिस बैंक का नंबर आता है। आंकड़ों से पता चलता है कि शिकायतों के बाद धनराशि वापस लौटने के मामले भी इन्हीं बैंकों के सबसे ज्यादा हैं।
कैसे करें शिकायत
अगर आपके साथ भी सफर के दौरान टोल शुल्क की निर्धारित धनराशि से ज्यादा रकम काट ली गई है तो आप एनएचएआई के हेल्पलाइन नंबर 1033 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं। इसके साथ ही, संबंधित कंपनी की हेल्पलाइन और ग्राहक सहयोग के लिए जारी मेल आईडी पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके साथ ही, एनपीसीआई के https://www.npci.org.in/register-a-complaint सेक्शन में जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर लोग कर रहे शिकायत
1. बुधवार को सोशल मीडिया यूजर वरुण अनंत ने लिखा कि एक जनवरी को मेरे फास्टैग से अनधिकृत कटौती की गई, जिसकी मैंने एचडीएफसी बैंक शिकायत की, लेकिन अभी तक उसे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके जवाब में एचडीएफसी बैंक ने वरुण से फिर से विस्तृत जानकारी मांगी।
2. सोशल मीडिया यूजर राहुल कुमार ने बुधवार को लिखा कि राजमार्ग पर यात्रा के दौरान मेरे फास्टैग से दो बार पैसे कट गए हैं जिसका उन्होंने ट्रांजैक्शन नंबर और बैंक आईडी भी सोशल मीडिया पर शेयर किया, लेकिन उन्हें की घंटे बाद भी कोई जवाब नहीं मिला।
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