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टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, आयकर विभाग ने HRA पर दी ये राहत

  • इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है जिनके हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के डेटा बेमेल हो रहे थे। आयकर विभाग ने कहा कि HRA दावों से संबंधित मामलों को फिर से खोलने की खबरें निराधार हैं।

Varsha Pathak नई दिल्ली, एजेंसी/लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 9 April 2024 09:01 AM
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पर्सनल लोन

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है जिनके हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के डेटा बेमेल हो रहे थे। आयकर विभाग ने कहा कि HRA दावों से संबंधित मामलों को फिर से खोलने की खबरें निराधार हैं। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा कि टैक्सपेयर्स द्वारा दायर की गई और आयकर विभाग के पास उपलब्ध जानकारी के बीच अंतर होने के कुछ मामले विभाग के नोटिस में आए हैं।

CBDT ने क्या कहा?

इस संबंध में क्लासिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को सचेत किया है ताकि वे सुधारात्मक कार्रवाई कर सकें। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट, साथ ही मीडिया में लेखों ने उन मामलों में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा शुरू की गई पूछताछ पर प्रकाश डाला है जहां कर्मचारियों ने एचआरए और किराए के भुगतान के गलत दावे किए हैं। शुरुआत में यह कहा गया है कि इन मामलों पर रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स और HRA क्लेम से संबंधित मामलों को फिर से खोलने के बारे में कोई भी आशंका पूरी तरह से निराधार है।

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क्या है डिटेल?

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी द्वारा भुगतान किए गए किराए और प्राप्तकर्ता द्वारा किराए की प्राप्ति के बीच बेमेल के कुछ हाई वैल्यू वाले मामलों में डाटा एनालिसिस किया गया था। यह वेरिफिकेशन बड़ी संख्या में मामलों को दोबारा खोले बिना कम संख्या में मामलों में किया गया था, खासकर जब से वित्त वर्ष 2020-21 (आंकलन वर्ष 2021-22) के लिए अपडेटेड रिटर्न संबंधित टैक्सपेयर्स द्वारा केवल 31 मार्च 2024 तक ही दाखिल किया जा सकता था।

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इसमें कहा गया है कि ई-वेरिफिकेशन का उद्देश्य दूसरों को प्रभावित किए बिना केवल वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जानकारी के बेमेल होने के मामलों को सचेत करना था। यह दोहराया गया है कि ऐसे मामलों को फिर से खोलने के लिए कोई स्पेशल अभियान नहीं है, और मीडिया रिपोर्टों में आरोप लगाया गया है कि विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर मामले फिर से खोले जा रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत हैं।

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