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Swiggy IPO या फिर Zomato Share? कहां दांव लगाना रहेगा फायदेमंद, एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह

  • Swiggy IPO vs Zomato Share: स्विगी आईपीओ 6 नवंबर को खुलने जा रहा है। कंपनी के आईपीओ का साइज 11,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। वहीं, जोमैटो के शेयर बीते एक साल से शानदार प्रदर्शन कर रहा है।

Tarun Pratap Singh मिंटMon, 4 Nov 2024 03:53 PM
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Swiggy IPO vs Zomato Share: बहुप्रतिक्षित स्विगी का आईपीओ खुलने जा रहा है। रिटेल निवेशक 6 नवंबर से इस फूड और ग्रॉसरी डिलीवरी प्लेटफॉर्म के आईपीओ पर दांव लगा पाएंगे। कंपनी की कोशिश है कि आईपीओ के जरिए 11,327.43 करोड़ रुपये जुटाया जा सके। स्विगी के आईपीओ में फ्रेश शेयर 11.54 करोड़ रहेंगे। वहीं, ऑफर फार सेल के तहत कंपनी 17.51 करोड़ शेयर जारी करेगी। स्विगी के आईपीओ का प्राइस बैंड 371 रुपये से 390 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। सवाल यह है कि क्या स्विगी के आईपीओ पर दांव लगाना सही रहेगा या फिर जोमैटो के शेयरों को खरीदना? आइए समझते हैं -

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क्या सोच रहे हैं एक्सपर्ट्स?

शेयर बाजारों पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स स्विगी और जोमैटो की तुलना कर रहे हैं। जोमैटो ने जुलाई 2021 में शेयर बाजार में डेब्यू किया था। तब कंपनी के आईपीओ का प्राइस बैंड 1.07 लाख करोड़ रुपये था। जबकि नवंबर 2024 में कंपनी का मार्केट कैप लाख 2.14 करोड़ रुपये पहुंच गया। जोमैटो का मार्केट कैप लगभग दोगुना हो चुका है।

जोमैटो की बाजार में उपस्थिति और मजबूत हुई है। कंपनी अब प्रॉफिट बना रही है। वहीं, स्विगी की स्थिति अभी खराब ही है। स्विगी को बीते 3 वित्त वर्ष में नुकसान हुआ है।

कहां निवेश करना रहेगा सही?

StoxBox के रिसर्स एनालिस्ट आकृति मेहरोत्रा कहती हैं कि जोमैटो प्रतिद्वंदी स्तर पर बेहतर नजर आ रहा है। इसके पीछे की वजह साइज, मुनाफा और बेहतर ग्रोथ के मिल रहे संकेत हैं। उनका मानना है कि अगर स्विगी का आईपीओ सफल रहता है और ग्रोथ स्ट्रेटजी लागू हो जाती है तो कंपनी एक बेहतर प्रतिद्वंदी बनकर उभर सकती है।

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Lakshmisgree Investment के अंशुल जैन के भी विचार भी लगभग मिल रहे हैं। उन्होंने निवेशकों को स्विगी आईपीओ की जगह जोमैटो को बेहतर बताया है। अंशुल जैन का कहते हैं, “स्विगी के आईपीओ का एक बड़ा हिस्सा ओफएस (OFS) है। जोकि पुराने निवेशकों को अधिक कीमत पर बाहर निकलने का मौका दे रहा है। इसके अलावा स्विगी को लगातार नुकसान उठाना पड़ रहा है। आने वाले समय में कंपनी प्रॉफिट में आ जाए इसकी भी अनिश्चितता है। दूसरी तरफ जोमैटो बेहतर और प्रॉफिट बनाने वाली कंपनी है।” अंशलु जैन ने 2 साल के जौमैटो का टारगेट प्राइस 550 रुपये तय किया है।

(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर निवेश की सलाह नहीं देता है।)

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