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सर्वे: अमीर लोगों पर लगे भारी टैक्स, भारत साहसी फैसले लेने वाला देश

  • बड़े बदलावों के लिए जी-20 समूह के सदस्य देशों के लोग धनकुबेरों पर सख्ती से सहमत। सर्वेक्षण में 22000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। भारतीयों ने किसी भी अन्य जी-20 देश की तुलना में सार्वभौमिक आधारभूत आय (71) के लिए सबसे मजबूत समर्थन दिखाया।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।Tue, 25 June 2024 02:04 AM
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भारत समेत कई देशों के लोग चाहते हैं कि अमीर लोगों पर भारी टैक्स लगना चाहिए। एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, अधिकांश नागरिक कर व्यवस्था में बदलाव, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई और आर्थिक प्राथमिकताओं में बदलाव चाहते हैं।

भारत साहसी फैसले लेने वाला देश

सर्वे के अनुसार, भारत साहसी कदम उठाने वाले देश के रूप में उभर कर आया है। सर्वेक्षण में शामिल भारतीयों ने किसी भी अन्य जी-20 देश की तुलना में सार्वभौमिक आधारभूत आय (71) के लिए सबसे मजबूत समर्थन दिखाया। जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वे संपत्ति (74), उच्च आय वालों (78) और निगमों (78) पर कर बढ़ाने का भी जोरदार समर्थन करते हैं।

पर्यावरण के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देने पर जोर

सर्वेक्षण आर्थिक सफलता के संबंध में प्राथमिकताओं में बदलाव को भी दर्शाता है। 17 जी-20 देशों में दो तिहाई (68) लोग मानते हैं कि उनकी अर्थव्यवस्थाओं को केवल लाभ कमाने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लोगों और पर्यावरण के स्वास्थ्य और कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए।

सरकार में लोगों के भरोसे की कमी उजागर

यह सर्वेक्षण सरकार में लोगों के भरोसे की कमी को भी उजागर करता है। 17 जी-20 देशों में केवल 39 लोगों का मानना है कि उनकी सरकार ऐसे फैसले लेने के लिए भरोसेमंद है, जो अधिकांश लोगों को लाभ पहुंचाते हैं, और केवल 37 को ही विश्वास है कि उनकी सरकार आने वाली पीढ़ियों को लाभ पहुंचाने वाले दीर्घकालिक फैसले ले सकती है। भरोसे की इस कमी से सुधार की मांग पैदा होती है।

17 जी-20 देशों में 65 उत्तरदाताओं ने अपनी राजनीतिक व्यवस्था में बड़े बदलाव की आंकाक्षा जताई है। आर्थिक प्रणालियों की स्थिति भी इससे बेहतर नहीं है। 67 फीसदी उत्तरदाताओं ने महत्वपूर्ण सुधार की वकालत की है।

(नोट समर्थन या विरोध न करनेवाले तथा पता नहीं वाले लोग भी उत्तरदाताओं में शामिल थे। इसलिए प्रतिशत का जोड़ 100 से कम है)

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