Wipro को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में दिखी संभावना, 1 अरब डॉलर खर्च करेगी कंपनी
AI को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों करोड़ डॉलर का कारोबार खड़ा करने में सक्षम बनाया जा रहा है। चैटजीपीटी आदि AI ने पिछले कुछ महीनों में दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया है।
देश की तीसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो लिमिटेड ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। कंपनी अपने सभी 2.5 लाख कर्मचारियों को AI में ट्रेंड करने के लिए एक अरब डॉलर खर्च करेगी। इसके साथ ही प्रोडक्ट की लॉन्चिंग आदि में भी AI का इस्तेमाल किया जाएगा।
क्या कहा कंपनी ने: विप्रो ने एक बयान में कहा कि अगले तीन वर्षों में खर्च की जाने वाली इस राशि का एक हिस्सा क्लाउड, डेटा एनालिटिक्स, परामर्श एवं इंजीनियरिंग टीम के 30,000 कर्मचारियों को एक साथ लाकर सभी आंतरिक परिचालन और ग्राहकों को दिए जाने वाले सॉल्युशंस में इस टेक्नोलॉजी को अपनाने पर खर्च किया जाएगा।
कंपनी ने कहा, ''विप्रो अपने सभी 2.5 लाख कर्मचारियों को AI के बुनियादी पहलुओं और इसके जिम्मेदार इस्तेमाल के लिए अगले 12 महीनों में प्रशिक्षित करेगी। कंपनी AI-विशिष्ट भूमिकाओं में कर्मचारियों को अनुकूलित प्रशिक्षण आगे भी देती रहेगी।'' AI को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में लाखों करोड़ डॉलर का कारोबार खड़ा करने में सक्षम बनाया जा रहा है। चैटजीपीटी, गिटहब कोपायलट और स्टेबल डिफ्यूजन जैसे जेनरेटिव AI ने पिछले कुछ महीनों में दुनियाभर का ध्यान आकर्षित किया है।
कर्मचारियों के लिए प्लान: विप्रो इन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए अपने कर्मचारियों को AI में प्रशिक्षित करने जा रही है। इसके लिए वह एक 'पाठ्यक्रम' भी तैयार करेगी जिसमें विभिन्न स्तर के कर्मचारियों के लिए अलग-अलग भूमिकाएं रखी जाएंगी। इससे कंपनी को अपनी रिसर्च और विकास गतिविधियों के अलावा डेटा एनालिटिक्स पर पकड़ मजबूत होने की उम्मीद है।
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