वेरिएबल में कटौती, सैलरी हाइक में देरी, ये हैं Wipro के बड़े ऐलान
कंपनी का बीते वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही में 2,563.6 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में विप्रो की परिचालन आय छह प्रतिशत बढ़कर 22,831 करोड़ रुपये रही।
IT सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो ने अपनी वेतन वृद्धि योजना में देरी की घोषणा की है। कंपनी की योजना वेतन वृद्धि को दूसरी तिमाही के बजाय साल की तीसरी तिमाही में करने की है। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के परिणामों की घोषणा के बाद विप्रो के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जतिन दलाल ने कहा- हमने अपनी आखिरी वेतन वृद्धि पिछले साल सितंबर में की थी। अब हम इस बार भी तीसरी तिमाही में ऐसा करने की योजना बना रहे हैं।
भारत की अन्य आईटी कंपनियों में भी इसी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। बिजनेस टुडे के साथ एक विशेष बातचीत में एचसीएलटेक के सीएफओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा कि कंपनी कर्मचारियों के एक वर्ग के लिए की जाने वाली वार्षिक बढ़ोतरी में देरी कर सकती है। अग्रवाल ने कहा कि हम सीनियर कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि को स्थगित करने और जूनियर कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर अक्टूबर में निर्णय लेने वाले हैं।
वेरिएबल पर कटौती: विप्रो अपने कर्मचारियों के वेरिएबल वेतन में भी कटौती कर रही है। कंपनी के एचआर सौरभ गोविल ने कहा कि वित्त वर्ष-24 की पहली तिमाही के लिए कर्मचारियों का वेरिएबल वेतन 80 प्रतिशत पर सीमित किया जाएगा।
कैसे थे नतीजे: विप्रो का चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून, 2023) का प्रॉफिट 12 प्रतिशत बढ़कर 2,870 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी का बीते वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही में 2,563.6 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया था। अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में विप्रो की परिचालन आय छह प्रतिशत बढ़कर 22,831 करोड़ रुपये रही।
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