Hindi Newsबिजनेस न्यूज़Will investors money be lost after the demise of Sahara Shri Subrata Roy

सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के बाद क्या डूब जाएगा निवेशकों का पैसा?

Sahara Refund after Death of Roy: सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री के निधन के साथ क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा? अब सहारा के पैसे कैसे मिलेंगे? ऐसे सवाल आज करोड़ों निवेशकों की जुबान पर हैं।

Drigraj लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 15 Nov 2023 08:29 AM
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Sahara Refund: सहारा इंडिया परिवार के मुखिया सहाराश्री सुब्रत रॉय के निधन के साथ क्या निवेशकों का पैसा डूब जाएगा? अब सहारा के पैसे कैसे मिलेंगे? ऐसे तमाम सवाल आज करोड़ों निवेशकों की जुबान पर हैं। करोड़ों निवेशकों ने सहारा ग्रुप की 4 कोऑपरेटिव सोसाइटीज में अपनी गाढ़ी कमाई जमा की थी। लंबे इंतजार के बाद लोगों को अपने जमा पैसे मिलने की आस जगी थी, सहारा चीफ के निधन के साथ ही क्या यह आस खत्म हो गई है या फिर उनका पैसा वापस मिलेगा? आइए जानते हैं कि निवेशकों को मिलने वाले रिफंड का अब क्या होगा...

पोर्टल के जरिए ही वापस मिलेगा जमा पैसा

सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में लगभग तीन करोड़ निवेशकों को ब्याज के साथ उनका पैसा लौटाने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्र सरकार ने निवेशकों के पैसे वापस कराने के लिए एक अलग से पोर्टल https://mocrefund.crcs.gov.in/ बनाया। इस पर अपना वापस लेने के लिए लाखों लोगों ने आवेदन किया है।

सहारा रिफंड पोर्टल (सहारा समूह की सहकारी समितियों के जमाकर्ताओं को धन वापसी के लिए) चार समितियां उत्तरदायी हैं। 
  1. सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ
  2. सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल
  3. हुमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता
  4. स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, हैदराबाद

इन चारों के जरिए सहारा के निवेशकों को पैसा मिलेगा। पोर्टल पर कहा गया है, "जमाकर्ताओं से अनुरोध है कि वे सभी चार समितियों से संबंधित सभी दावों को एक ही दावा आवेदन पत्र में प्रस्तुत करें। केवल पोर्टल के माध्‍यम से ऑनलाइन दर्ज किए दावों पर ही विचार किया जाएगा । दावा प्रस्तुत करने के लिए कोई शुल्क नहीं है। किसी भी तकनीकी समस्या हेतु आप दिए गए समिति के टोल फ्री नंबरों ( 1800 103 6891 / 1800 103 6893 ) पर संपर्क करें।"

बता दें इससे पहले शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी ने 11 साल में सहारा की दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ रुपये वापस किए हैं। इसके साथ ही स्पेशल तौर से खोले गए बैंक खातों में जमा की गई रकम बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक है। निवेशकों का पैसा सेबी के पास है और ऑनलाइन आवेदन करने वालों को मिलना तय है।

सुब्रत रॉय के पतन की कहानी

बता दें सुब्रत रॉय के पतन की शुरुआत सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी के IPO से हुई। नियमों के खिलाफ लोगों से पैसे निवेश करवाने का आरोप के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। 

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड का केस कोर्ट में है। 30 सितंबर 2009 को सहारा की कंपनी प्राइम सिटी ने आईपीओ के लिए सेबी के पास डीआरपीएच दायर किया था।

सेबी को रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों की फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली। 25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सेबी को शिकायतें मिलीं की दोनों कंपनी OFCDS से पैसे जुटा रही हैं। सेबी को पता चला की कंपनी ने इसके जरिए 2 से 2.5 करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। 

सेबी की आपत्ति

सेबी ने कहा कि सहारा ने बॉन्ड जारी करने के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली? मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच और 2012 में कोर्ट ने सहारा को पैसा 15 फीसद ब्याज के साथ लौटाने को कहा। निवेशकों की डिटेल्स सेबी को देने को भी कहा। सहारा तीन महीने के भीतर पैसा नहीं जमा कर पाया तो कोर्ट ने तीन किस्तों में पेमेंट करने का आदेश दिया। सहारा ने 5120 करोड़ रुपए की पहली किश्त जमा की और बाकी पेमेंट कभी जमा नहीं किया।

दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे सुब्रत रॉय 

सहारा ने दावा किया कि वह पहले ही 90 फीसद से ज्यादा निवेशकों को पेमेंट कर चुका है। इसके बाद सहारा इंडिया के बैंक अकाउंट का फ्रीज करन दिया गया। अप्रैल 2013 में सेबी ने IPO की फाइल भी बंद कर दी।28 फरवरी 2014 को सुपीम कोर्ट के आदेश पर लखनऊ पुलिस ने हिरासत में ले लिया। सहारा श्री सुब्रत रॉय दो साल तक तिहाड़ जेल में रहे और साल 2016 से पेरोल पर जेल से बाहर थे।

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