सब्जियों-खाद्य तेल की कीमतों में आया उछाल, 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंचीं कई सब्जियां
त्योहारी मौसम में लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। बीते डेढ़ सप्ताह के अंदर सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है। तोरई, शिमला मिर्च और बीन्स की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं।
त्योहारी मौसम में लोगों को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। बीते डेढ़ सप्ताह के अंदर सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है। तोरई, शिमला मिर्च और बीन्स की कीमतें 100 रुपये के पार पहुंच गई हैं। व्यापारियों का कहना है कि सामान्य तौर पर जब मौसम बदलने का समय होता है तो सब्जियों की आवक कम हो जाती है, जिससे कीमतें बढ़ जाती हैं। लेकिन, इस बार बारिश भी देरी तक हुई थी जिसके चलते नई फसल बर्बाद हुई। इससे नई फसल की आवक में देरी हो रही है। इन्हीं कारणों के चलते कीमतें बढ़ रही हैं। उधर, खाद्य तेलों की कीमतों में भी करीब 15 फीसदी की तेजी आई है।
आजादपुर मंडी के आढ़ती जयकिशन का कहना है कि इस बार नई फसल के आने में देरी हो रही है, जिससे बाजार के अंदर माल की उपलब्धता कम हो गई है। इन दिनों तक पंजाब, हिमाचल प्रदेश और तराई के क्षेत्र से टमाटर की आवक शुरू हो जाती थी, लेकिन बारिश होने से वहां काफी फसल बर्बाद हो गई थी। अभी मध्यप्रदेश, राजस्थान और कुछ अन्य हिस्सों से टमाटर की आवक हो रही है।
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यही हाल तोरई और लौकी का है। दोनों ही सब्जियां गर्मियों के सीजन की हैं, लेकिन इनकी आवक ठंड होने तक भरपूर बनी रहती है। लेकिन, बारिश होने से फसल को नुकसान हुआ था। कीमतों में उछाल के पीछे मांग बढ़ने को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। आढ़ती राजकुमार भाटी ने बताया कि त्योहार में मांग बढ़ती है। त्योहारों पर सब्जियों की मांग होती है। गोभी, बींस, बैंगन, शिमला मिर्च, लौकी, तोरई और कद्दू जैसी सब्जियों को ज्यादा खरीदा जाता है।
एक सब्जी विक्रेता ने बताया कि लौकी, तोरई, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां कम मिल पा रही हैं। जो मिल रही हैं उनकी गुणवत्ता खराब है। अच्छी गुणवत्ता वाली सब्जियां महंगी हैं, जिसके चलते हमे भी महंगी बेचनी पड़ रही है। सब्जी पैक आती है। उसमें कुछ पहले से खराब होती हैं। कुछ बेचने के दौरान खराब हो जाती हैं, इसलिए बीते 10 दिनों के अंदर कीमतों में काफी तेजी आई है।
खाद्य तेलों के दाम बढ़े
भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री हेमंत गुप्ता ने कहा कि बीते करीब तीन सप्ताह के अंदर खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 15 फीसदी की तेजी आई है। इसके दो बड़े कारण हैं। पहला, हम बड़ी मात्रा में खाद्य तेल आयात करते हैं और बीते कुछ हफ्तों के दौरान रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है, जिससे आयात करने वाले व्यापारियों को ज्यादा भुगतान करना पड़ रहा है। दूसरा, अमेरिका, मलेशिया और इंडोनेशिया में खाद्य तेलों के दाम बढ़े हैं, क्योंकि वहां फसल कम रहने का अनुमान है। इन सभी का कीमतों पर असर दिख रहा है।
इस तरह बढ़ी कीमतें
- सब्जी एक हफ्ते पहले अब
- बींस 100 120
- शिमला मिर्च 80 120
- तोरई 60 100
- करेला 60 80
- टमाटर 50 70
- गोभी 55 60
- खीरा 50 60
- लौकी 45 60
- आलू 35 40
- (आंकड़े फुटकर के हैं।)
- खाद्य तेल दो हफ्ते पहले अब
- पॉम आयल 1450 1600
- सोयाबीन तेल 1850 2100
- बिनौला रिफाइंड 1900 2150
- मूंगफली 2200 2500
- सरसों 2250 2400
(नोट - खाद्य तेलों की कीमत 15 लीटर के डब्बे की हैं।)
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