Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़usd inr rate today Chances of rupee crossing 84 against dollar before Diwali if this happens what will be the impact on you

रसातल में जाता रुपया बिगाड़ेगा आपके घर का बजट, दीपावली के पहले डॉलर के मुकाबले 84 पार जाने के आसार

DollarVsRupee: डॉलर के मुकाबले रुपये में और गिरावट आ सकती है। एक डॉलर की कीमत 84 रुपये तक जा सकती है। रुपये की ये गिरावट दीपावली के पहले ही देखने को मिल सकती है। इसका असर आम आदमी पर क्या पड़ेगा?

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, विशेष संवाददाता।, Tue, 3 Oct 2023 07:03 AM
share Share

USDVsINR: वित्तवर्ष की दूसरी छमाही यानी अक्टूबर से मार्च के दौरान अनुमान जताया जा रहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में और गिरावट आ सकती है। केयर रेटिंग ने अपनी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि एक डॉलर की कीमत 84 रुपये तक जा सकती है। हालांकि, जानकार मानकर चल रहे हैं कि रुपये की ये गिरावट दीपावली के पहले ही देखने को मिल सकती है। केयर रेटिंग ने रुपये के दायरे के अनुमान में फेरबदल किया है। रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्तवर्ष की दूसरी छमाही में रुपये का स्तर 81 से 83 से बढ़ाकर 82 से 84 रुपये प्रति डॉलर कर दिया गया है। इसकी वजह डॉलर इंडेक्स में छोटी अवधि में मजबूती बनी रहना बताया गया है। वहीं, चीन की मुद्रा युआन में भी कमजोरी की वजह से उभरते एशियाई बाजारों में मुद्राओं में गिरावट की भी आशंका जाहिर की गई है।

कारोबार प्रभावित होगा: मौजूदा दौर में वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ने और वहां के केंद्रीय बैंकों की तरफ से ब्याज दरें ऊंची रखे जाने की नीति के चलते खरीदारी की क्षमता प्रभावित हो रही है और भारत का निर्यात भी कमजोर हो रहा है। ऐसे में रुपए की कमजोरी का फायदा उठाने की हालत में कारोबारी फिलहाल बेहतर स्थिति में नहीं है।

गिरावट के नुकसान

अर्थव्यवस्था पर - रुपये की क्रय क्षमता कम होने पर मुद्रास्फीति पर दबाव बढ़ता है। उद्योगों भी प्रभावित होंगे। आर्थिक वृद्धि दर धीमी होने के आसार बन सकते हैं।
कच्चे तेल पर - महंगे डॉलर की वजह से भारत को इसकी खरीद के लिए फिलहाल ज्यादा कीमत देनी पड़ सकती है। ऐसे हाल पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती की उम्मीदों को झटका लग सकता है।

आयात पर - भारत में आयात होने वाला कच्चा माल महंगा हो सकता है। उसके असर से उत्पादन के बाद तैयार होने वाली चीजों के दाम भी बढ़ने तय हैं।
निर्यात पर - तैयार उत्पाद को दुनिया के दूसरे बाजारों में जब निर्यात किया जाएगा तो बाकी देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। इससे देश का चालू खाता घाटा भी बढ़ने के आसार होंगे।

आम लोगों पर - घरेलू स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में उछाल आ सकता है। विदेश यात्रा और शिक्षा महंगी होगी।
आरबीआई के पास विकल्प: हालांकि, रुपये की गिरावट बढ़ते और उसके अर्थव्यवस्था पर बुरे असर का अंदाजा लगाकर रिजर्व बैंक दखल देता है और केंद्रीय रिजर्व में से डॉलर बाजार में रिलीज कर देता है। ये रुपये की गिरावट को थामने का काम करता है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करंसी विभाग के प्रमुख अनुज गुप्ता ने बताया है कि एक डॉलर की कीमत 84 रुपए के स्तर के बहुत जल्द ही ऊपर जा सकती है। इसकी वजह से सबसे ज्यादा असर कच्चे तेल की खरीद पर पड़ेगा। उनका अनुमान है कि रूस में कच्चे तेल का उत्पादन घटने की वजह से इसके दामों में आने वाले दिनों में तेजी बनी रह सकती है।

भारतीय रुपये का मतलब और इसकी कमजोरी

भारतीय रुपये और अन्य देशों की मुद्रा की मांग उसकी स्थिति को प्रभावित करती है और रुपये का मूल्य निर्धारित करती है। जब मुद्रा (रुपये) की मांग बढ़ती है, तो उसका मूल्य भी बढ़ता है, जिसे सराहना के रूप में देखा जाता है। यदि मुद्रा की मांग गिरती है तो उसका मूल्य घट जाता है। इसे अवमूल्यन कहा जाता है। इसके सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू सामने आते हैं।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें