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रूस-यूक्रेन की जंग में कहीं खो न जाए हीरे की चमक! सूरत के कारोबारियों को सता रहा ये डर

सूरत का हीरा उद्योग, जहां दुनिया का लगभग 85% रफ कट और पॉलिश किया जाता है, अपनी चमक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है क्योंकि यह इस साल रिकॉर्ड बिक्री कारोबार करने के करीब है। हालांकि, रूस और यूक्रेन के...

Varsha Pathak लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 6 March 2022 06:35 AM
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सूरत का हीरा उद्योग, जहां दुनिया का लगभग 85% रफ कट और पॉलिश किया जाता है, अपनी चमक बनाए रखने की कोशिश कर रहा है क्योंकि यह इस साल रिकॉर्ड बिक्री कारोबार करने के करीब है। हालांकि, रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच सूरत का हीरा उद्योग को डर है कि कई कहीं उनकी चमक खो न जाए। यह डर इसलिए यह है भारत में कच्चे हीरों की सोर्सिंग प्रभावित हो सकता है। हालांकि, भारत को हीरे की सुचारू रूप से सप्लाई के बारे आश्वासन दिया गया है। 

क्या कहते हैं हीरा व्यापारी
सूरत बेस्ड हरी कृष्णा एक्सपर्ट के चेयरमैन Savjibhai Dholakia ने कहा, "युद्ध के कारण हीरा उद्योग में अनिश्चितता बढ़ रही है। हमारे लगभग 40% हीरे आज रूस से आपूर्ति किए जाते हैं और भुगतान के मुद्दे हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय हैं। यदि युद्ध जल्द समाप्त नहीं हुआ तो उद्योग पर प्रभाव बड़े पैमाने पर हो सकता है। आज अमेरिका और यूरोप के बैंक हमें रूस को भुगतान करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। आने वाले दिनों में कच्चे माल की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है।' हाल ही में, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने रूसी संस्थाओं के लेनदेन को प्रोसीड करना बंद कर दिया है।

रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के क्षेत्रीय अध्यक्ष दिनेश नवादिया ने कहा, “पिछले वित्तीय वर्ष में भारत से कटे और पॉलिश किए गए हीरे का कुल सकल निर्यात 25.47 बिलियन अमरीकी डालर था और हम 2021-22 में फरवरी के अंत तक पहले ही 30 बिलियन अमरीकी डालर को छू चुके हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो हम मार्च के अंत तक 35 बिलियन अमरीकी डालर को छू लेंगे, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर होगा।” वे आगे कहते हैं, यूक्रेन संकट का अब तक इस उद्योग पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन को रत्न और आभूषण का निर्यात बहुत महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि यह इस क्षेत्र में देश के कुल निर्यात का लगभग 0.06% है। जहां तक ​​हीरे की सोर्सिंग का सवाल है, लगभग 29% रफ रूस की अलरोसा खदानों से आता है। अलरोसा ने हाल ही में कुछ आश्वासन दिया है कि सप्लाई पर कोई असर नहीं होगा, अब हमें देखना होगा कि भविष्य में स्थिति कैसी होती है।"

80% से अधिक अलरोसा हीरे बेल्जियम के माध्यम से आते हैं
बता दें कि 2021-22 में, अलरोसा ने विश्व हीरा खनन दिग्गज डी बीयर्स के बाद दूसरे स्थान पर 4.2 बिलियन डॉलर की हीरे की बिक्री की सूचना दी। प्रोसेसिंग के लिए सूरत में उतरने से पहले 80% से अधिक अलरोसा हीरे बेल्जियम के माध्यम से आते हैं, जो विश्व हीरा व्यापार केंद्र है। एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा कि अमेरिका भारत के पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा ग्राहक है और देश द्वारा रूसी हीरे की खरीद पर कोई भी प्रतिबंध भारतीय हीरा उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

सूरत के डायमंड कारोबारियों का क्या कहना है?
सूरत स्थित हीरा फर्म के मालिक माथुरभाई सवानी और एसडीबी के एक सदस्य ने कहा कि चल रहे युद्ध का हीरा उद्योग पर भुगतान से लेकर कच्चे माल की आपूर्ति तक दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है जिससे कच्चे माल की आपूर्ति कम हो सकती है। सूरत में एक हीरा फर्म के प्रमोटर और सूरत डायमंड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बाबू कथिरिया ने कहा, "हम चिंतित हैं कि अगर यह युद्ध जारी रहा, तो समस्या होगी। हम वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। हम प्लेग और कोरोनावायरस कोविड -19 से बच गए हैं, हमें उम्मीद है कि यह भी बीत जाएगा। ”हीरा सलाहकार अनिरुद्ध लिडबाइड, जिन्होंने 15 वर्षों में उद्योग में अफ्रीकी देशों से हीरा कंपनियों के लिए कच्चे माल की सोर्सिंग की है, ने कहा कि भुगतान प्रतिबंधों के कारण रूस से कोई नई आपूर्ति संभव नहीं है। उन्होंने कहा, "निकट भविष्य में कच्चे हीरे की कमी हो सकती है और इससे रूस के बाहर अन्य खदानों से हीरे की खरीद महंगी हो जाएगी। इससे हीरों की कीमतों में तेजी आ सकती है। ”

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