छोटी बचत योजनाओं पर अचानक पैसे लगाने को टूट पड़े लोग, अब बड़ी तैयारी में मोदी सरकार
छोटी बचत योजनाओं में लोग जमकर निवेश कर रहे हैं। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (MSSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
Small Savings scheme: छोटी बचत योजनाओं में लोग जमकर निवेश कर रहे हैं। सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और महिला सम्मान सेविंग्स सर्टिफिकेट (MSSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं में निवेश रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। अप्रैल-सितंबर में सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में जमा राशि साल-दर-साल 2.5 गुना बढ़कर 74,675 करोड़ रुपये हो गई है। एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, यह एक साल पहले इसी अवधि में एकत्र किए गए 28,715 करोड़ रुपये से 160 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र के तहत कुल कलेक्शन सितंबर तिमाही के दौरान 13,512 करोड़ रुपये रहा।
क्या है ब्याज दर
आपको बता दें कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर इस साल अप्रैल-जून में 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.2 प्रतिशत कर दी गई थी और तब से इसे अपरिवर्तित रखा गया है। इस साल अप्रैल से बुजुर्गों के लिए योजना में निवेश की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए अन्य छोटी बचत दरों को मोटे तौर पर अपरिवर्तित रखा गया, एक छोटी बचत योजना - 5-वर्षीय रिकरिंग जमा की ब्याज दर में 20 आधार अंकों की वृद्धि हुई।
क्या है सरकार की योजना
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार अब पीपीएफ (PPF) जैसी स्मॉल सेविंग्स स्कीम के लिए तिमाही रेट तय करते समय पोस्ट टैक्स रिटर्न पर भी विचार कर सकती है। बता दें कि छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ सबसे ज्यादा ब्याज देने वाले योजनाओं में से एक है। अप्रैल 2020 के बाद से ही पीपीएफ के ब्याज में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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