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रसातल में रुपया: अब तक के सबसे निचले स्तर पर रुपया, कमजोर रुपये से आप पर पड़ेगा यह असर

Dollar Vs Rupee: डॉलर के मुकाबले 83.36 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। कमजोर रुपया आम आदमी पर भी असर डालता है।  रुपया कमजोर होने रोजगार के जहां अवसर घटेंगे वहीं, विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी।

Drigraj Madheshia लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 24 Nov 2023 11:43 AM
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रुपया लगातार रसातल में जा रहा है। आज शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दो पैसे की गिरावट के साथ 83.36 के सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया। कमजोर रुपया आम आदमी पर भी असर डालता है। रुपया कमजोर होने रोजगार के जहां अवसर घटेंगे वहीं, विदेश में पढ़ाई महंगी हो जाएगी।

आज अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.33 पर खुला। फिर शुरुआती सौदों के बाद 83.36 प्रति डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले बंद भाव से दो पैसे की गिरावट है। रुपया बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 83.34 पर बंद हुआ था।

इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.79 पर रहा। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81.37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

कहां-कहां असर डालेगा कमजोर रुपया

भारत खाद्य तेल का 60 फीसद आयात करता है। इसकी खरीद डॉलर में होती है। डॉलर के मजबूत होने और रुपये में गिरावट की वजह से खाद्य तेलों के दाम घरेलू बाजार में बढ़ सकते हैं। वहीं, भारत 80 फीसद कच्चा तेल भी आयात करता है और इसके लिए  डॉलर में ही पेमेंट करना पड़ता है। डॉलर महंगा होगा तो कच्चा तेल भी महंगा पड़ेगा। 

दवाएं और इलेक्ट्रानिक सामान 

अधिकतर मोबाइल और गैजेट का आयात चीन और अन्य पूर्वी एशिया के शहरों से होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो आयात महंगा हो जाएगा।

विदेश यात्रा:  विदेश में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को आवास, कॉलेज फीस,, भोजन और परिवहन सबके लिए डॉलर में खर्च करना होता है। रुपये के कमजोर होने से पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा खर्च करना होगा।

रोजगार के अवसर घटेंगे: बता दें भारतीय कंपनियां विदेश से सस्ती दरों पर भारी मात्रा में कर्ज जुटाती हैं। रुपया कमजोर होने से विदेश से कर्ज जुटाना महंगा हो जाता है। इससे लागत बढ़ जाती है, जिससे वह कारोबार के विस्तार की योजनाओं को टाल देती हैं। इससे देश में रोजगार के अवसर घट सकते हैं।

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