NPS vs OPS: पहले से ज्यादा आकर्षक होगा एनपीएस, मई-जून से मिलेगा निश्चित रिटर्न
PFRDA, एनपीएस के तहत अगले साल मई-जून तक दुनिया की पहली न्यूनतम तय रिटर्न योजना शुरू करेगा। नियामक का कहना है कि इस तय रिटर्न योजना में 10 साल के लिए चार से पांच फीसदी सालाना रिटर्न की गारंटी होगी।
नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस अब पहले से ज्यादा आकर्षक हो जाएगा क्योंकि इसमें अब तय रिटर्न मिलेगा। पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए एनपीएस के तहत अगले साल मई-जून तक दुनिया की पहली न्यूनतम तय रिटर्न योजना (मार्स) शुरू करेगा। नियामक का कहना है कि इस तय रिटर्न योजना में 10 साल के लिए चार से पांच फीसदी सालाना रिटर्न की गारंटी होगी।
वर्तमान में एनपीएस के तहत योजनाएं किसी भी प्रकार के रिटर्न या लाभ की गारंटी नहीं देती हैं क्योंकि वह बाजार से जुड़ी होती हैं। इसके बावजूद सरकार समर्थित अटल पेंशन योजना ग्राहकों को उनके योगदान के आधार पर एक हजार से पांच हजार रुपये न्यूनतम प्रति माह पेंशन की गारंटी देती है। पीएफआरडीए का कहना है कि मार्स के लिए न्यूनतम सालाना योगदान पांच हजार रुपये होगा। जबकि मौजूदा समय में न्यूनतम योगदान की कोई सीमा नहीं है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक जनवरी 2004 को एनपीएस को अनिवार्य रूप से लागू किया था। इसके बाद सभी राज्यों ने अपने कर्मचारियों के लिए इसे लागू किया। वहीं वर्ष 2009 के बाद इस योजना को निजी क्षेत्र में काम करने वालों के लिए भी खोल दिया गया। रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी एनपीएस का एक हिस्सा निकाल सकते हैं। वहीं बाकी रकम से नियमित आय के लिए एन्युटी लेनी पड़ती है। एनपीएस में 18 से 70 साल का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है।
नई योजना में ज्यादा शुल्क लगेगा
मार्स से मिलने वाला तय रिटर्न बाजार से जुड़ी एनपीएस योजनाओं के तहत वास्तविक रिटर्न का करीब आधा होगा। साथ ही इसमें फंड प्रबंधन शुक्ल भी अधिक होगा। पीएफआरडीए के मुताबिक रिटर्न की गारंटी में शामिल जोखिम के कारण अन्य एनपीएस योजनाओं के तहत अधिकतम 0.09 फीसदी शुल्क के मुकाबले फंड प्रबंधन शुल्क करीब 0.25 फीसदी हो सकता है। इसके बावजूद विशेषज्ञों का कहना है इसका फंड प्रबंधन शुल्क बीमा कंपनियों द्वारा लिए गए 1.50 फीसदी से काफी कम है।
क्यों पड़ी तय रिटर्न देने की जरूरत
पीएफआरडीए के मुताबिक पिछले 13 साल में एनपीएस से निवेशकों को सालाना 10.27 फीसदी से अधिक रिटर्न मिला है। हालांकि, ऊंचे रिटर्न के बावजूद आम निवेशक एनपीएस को ज्यादा तरजीह नहीं देते क्योंकि इसमें बाजार से जुड़ा जोखिम भी है। वहीं तय रिटर्न से ऐसे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा। साथ ही गारंटी रिटर्न योजना के आने से एनपीएस में आवेदन करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी।
टीयर-1 और टायर-2 खाता क्या होते हैं?
एनपीएस में दो तरह के खाते होते हैं जिसे टीयर 1 और टीयर-2 खाता कहा जाता है। टीयर 2 एक बचत खाता की तरह होता है। इसमें निकासी को लेकर किसी तरह की पाबंदी नहीं है। हालांकि, इसे वही खोल सकता है जिसके पास टीयर-1 खाता है। वहीं टीयर-1 खाता से निकासी के भी नियम हैं। सेवानिवृत्ति से पहले इस खाता से आंशिक निकासी की जा सकती है। इससे अधिकतम तीन बार राशि निकाल सकते हैं।
अधिकतम 60 फीसदी एकमुश्त निकालना संभव
एनपीएस में 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद कुल राशि का अधिकतम 60 फीसदी ही एकमुश्त निकाला जा सकता है। 40 फीसदी राशि से एन्युनिटी प्लान खरीदना जरूरी है। सरकार ने इस साल बजट में एक और सुविधा देते हुए यह प्रावधान जोड़ दिया कि कुल निवेश पांच लाख रुपये से कम है पूरी रकम एकमुश्त निकाली जा सकती है।
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