NCLT ने जेपी इंफ्राटेक के दिवालियापन के लिए दिया 90 दिन का समय
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मंगलवार को कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के मामले में समाधान प्रक्रिया की अवधि 90 दिन और बढ़ा दी। इसमें समाधान पेशेवर और कर्जदाताओं के लिये नये...
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मंगलवार को कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के मामले में समाधान प्रक्रिया की अवधि 90 दिन और बढ़ा दी। इसमें समाधान पेशेवर और कर्जदाताओं के लिये नये सिरे से आवेदन मंगाने के लिये 45 दिन की का दिया गया समय शामिल है। एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि कंपनी ऋण शोधन समाधान लंबे समय से लंबित है और वह जेपी इंफ्राटेक के समाधान पेशवर को नई बोलियां आमंत्रित करने की प्रक्रिया सम्पन्न करने के लिए केवल 45 दिन का समय देगी।
साथ ही अंतिम बोलीदाता के चयन समेत पूरी प्रक्रिया संपन्न करने के लिये 45 दिन का और समय दिया जाएगा। एनसीएलएटी ने कहा, ''असाधारण परिस्थिति को देखते हुए हमारा विचार है कि आबंटियों के संघ द्वारा स्पष्टीकरण के लिये 17 सितंबर 2018 को दिये गये आवेदन तथा 4 जून 2019 को दिये गये आदेश की अवधि को 270 दिन की गणना के मकसद से अलग किया जा सकता है।"
पीठ ने हालांकि यह भी कहा कि मामला लंबे से अटका हुआ है, ऐसे में वह कुल 260 अवधि को अलग करने को इच्छुक नहीं है, हम कंपनी ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया के लिये 270 दिन की गणना के लिये केवल 90 दिन को अलग करते हैं। इस 90 दिन की अवधि को आदेश की प्रति प्राप्त होने की तारीख से गिना जाएगा। एनसीएलएटी ने बोली जमा करने की पात्रता को लेकर जेपी इंफ्राटेक के प्रवर्तक जयप्रकाश एसोसिएट्स लि. की अर्जी खारिज कर दी। पीठ ने कहा, ''...जयप्रकाश एसोसिएट्स को कोई छूट नहीं दी जा रही।"
साथ ही न्यायाधिकरण ने सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी को कर्ज में डूबी कंपनी के लिये नये सिरे से समाधान योजना जमा करने की अनुमति दे दी। इससे पहले, एनबीसीसी की बोली को कर्जदाताओं की समिति ने खारिज कर दिया था। इस बीच, एनसीएलएटी ने अडाणी इंफ्रा की तरफ से दी जाने वाली बोली के बारे में कोई राय नहीं दी। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा, ''यह सूचना मिली है कि अडाणी इंफ्रा ने भी समाधान योजना का प्रस्ताव किया है लेकिन हम उस बारे में कोई राय देने को इच्छुक नहीं हैं।"
कर्जदाताओं ने कंपनी ऋण शोधन अक्षमता समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के लिये 17 सितंबर 2018 से 4 जून 2019 के बीच की 250 दिन का समय निर्धारित अवधि से हटाने का आग्रह किया था। उनका कहना थ कि यह समय राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने मकान खरीदारों के मतदान अधिकार के बारे में निर्णय करने में लिया था।
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