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अंबानी से नाडर तक... कॉरपोरेट घरानों का बढ़ रहा नई पीढ़ी पर भरोसा, कमान संभालने की तैयारी में ये चेहरे

कई कॉरपोरेट घराने या कंपनियां हैं, जिसके मुखिया किसी ना किसी वजह से रिटायर हो चुके हैं। इनमें एलएंडटी के एएम नाइक (81), एचडीएफसी के दीपक पारेख (78) और कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक (64) शामिल हैं।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 31 Aug 2023 03:00 PM
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''हमें आराम से बैठकर नई पीढ़ी को हमसे बेहतर परफॉर्म करते देखना चाहिए और उनकी सराहना करनी चाहिए।'' मुकेश अंबानी ने साल 2021 में जब यह बयान दिया तभी से माना जा रहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की बागडोर नई पीढ़ी के हाथों में जाने वाली है। इस बयान के करीब डेढ़ साल बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड में मुकेश अंबानी परिवार की नई पीढ़ी को जगह मिली है। 

मुकेश अंबानी की बेटी ईशा और बेटे-आकाश, अनंत को रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल में पहली बार शामिल किया गया है। देश के अलग-अलग कॉरपोरेट घराने के पैटर्न को देखने पर ऐसा लग रहा है कि आने वाले वक्त में ज्यादातर कंपनियों की कमान नई पीढ़ी के पास होगी।

दरअसल, कई कॉरपोरेट घराने या कंपनियां हैं, जिसके मुखिया किसी ना किसी वजह से रिटायर हो चुके हैं। इनमें एलएंडटी के एएम नाइक (81), एचडीएफसी के दीपक पारेख (78) और कोटक महिंद्रा बैंक के उदय कोटक (64) शामिल हैं। ये सभी रतन टाटा (85), आदि गोदरेज (81), अजीम प्रेमजी (78) और शिव नादर (78) की कैटेगरी में शामिल हो गए हैं, जो पिछले 10 वर्षों में सेवानिवृत्त हुए हैं।

ये भी हैं लिस्ट में: आने वाले वर्षों में डॉ. प्रताप रेड्डी, आरसी भार्गव, नुस्ली वाडिया, बाबा कल्याणी, हर्ष मारीवाला, वेणु श्रीनिवासन, किरण मजूमदार-शॉ, पवन मुंजाल, अनिल अग्रवाल, आनंद महिंद्रा, नंदन नीलेकणि, अजय पीरामल, दिलीप सांघवी और सुनील मित्तल संभवतः पूरी तरह से सेवानिवृत्त हो जाएंगे या अपनी मैनेजमेंट की जिम्मेदारियों में कटौती करेंगे। भार्गव और रेड्डी सबसे बुजुर्ग हैं जिनकी उम्र 89 और 91 वर्ष है, लेकिन अन्य भी 60 और 70 वर्ष के बीच हैं।

इसके अलावा बजाज, अपोलो और भारत फोर्ज में दूसरी और तीसरी पीढ़ी के परिवार के सदस्य मैनेजमेंट की कमान संभाले हुए हैं। वहीं, सिप्ला जैसी कई कंपनियां हैं जिसके मुखिया उत्तराधिकारी से बाहर निकलने की योजना पर काम कर रहे हैं। महिंद्रा समूह, एशियन पेंट्स, मैरिको और गोदरेज ग्रुप ने परिवार के सदस्यों को मैनेजमेंट में जगह दी है।

पिछले कुछ साल के बड़े बदलाव
लगभग 53 साल विप्रो की कमान संभालने वाले अजीम प्रेमजी ने साल 2019 में अपने बेटे रिशद प्रेमजी को कंपनी की बागडोर थमाई थी। इसी तरह, 2019 में आनंद बर्मन ने डाबर इंडिया का चेयरमैन पद छोड़ दिया था उसके बाद चचेरे भाई अमित बर्मन को कंपनी का चेयरमैन नियुक्त किया था। आनंद बर्मन के बेटे आदिरू को अतिरिक्त निदेशक के तौर पर बोर्ड में जगह दी गई थी। 

दिग्गज आईटी कंपनी एचसीएल के फाउंडर शिव नाडर ने 2020 में चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था और कमान बेटी रोशनी नाडर को सौंप दी थी। इसी तरह, इमामी कंपनी के फाउंडर्स राधेश्याम अग्रवाल और राधेश्याम गोयनका ने भी नई पीढ़ी को कमान सौंप दी है। पिछले साल गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के चेयरमैन जमशेद गोदरेज ने अपनी भांजी नायरिका होल्कर को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। नायरिका होल्कर जमशेद गोदरेज की बहन स्मिता और विजय कृष्णा की बेटी हैं। 

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