EPF Vs PPF: किसी का ब्याज बढ़ा, किसी का नहीं, दोनों में क्या है अंतर, समझें
ईपीएफ के तहत कर्मचारी और कंपनी, दोनों ही कंट्रीब्यूट करते हैं। इसके तहत 12, 12 प्रतिशत का कंट्रीब्यूश होता है। इस कंट्रीब्यूशन को आप वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के तहत बढ़ा सकते हैं।
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (EPF) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दर पर अहम फैसला आ चुका है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF पर 8.15 प्रतिशत की ब्याज दर निर्धारित कर दी गई है। वहीं, PPF की ब्याज दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। अप्रैल-जून तिमाही के लिए लोकप्रिय जमा योजना PPF की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत है।
क्या है अंतर: EPF के तहत कर्मचारी और कंपनी, दोनों ही कंट्रीब्यूट करते हैं। इसके तहत 12, 12 प्रतिशत का कंट्रीब्यूश होता है। इस कंट्रीब्यूशन को आप वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) के तहत बढ़ा सकते हैं। वहीं, PPF के तहत निवेशकों को साल में कम से कम 500 रुपये का कंट्रीब्यूशन करना होता है जबकि अधिकतम निवेश 1,50,000 का है।
वहीं PPF के लिए लॉक-इन पीरियड 15 साल है। मतलब ये कि 15 साल तक आप पैसे को निकाल नहीं सकते हैं। हालांकि, कुछ शर्तों के साथ पहले भी पैसे निकाले जा सकते हैं।
टैक्स बेनिफिट: PPF में धारा 80सी के तहत टैक्स क्लेम किया जा सकता है। EPF टैक्स कटौती देने योग्य है। मैच्योरिटी राशि केवल 5 वर्ष पूरा होने पर टैक्स-मुक्त है।
कमियां: PPF अकाउंट में लॉक-इन पीरियड का सिस्टम उन लोगों के लिए ठीक नहीं है जो किसी संकट में निवेश के पैसे को इस्तेमाल करना चाहते हैं। EPF की तुलना में PPF की कम ब्याज है। वहीं, EPF केवल उन्हीं कंपनियों के कर्मचारियों के लिए खुला है, जिनके 20 या उससे ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियां/ संस्थान हैं।
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