Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़End for the road for Goa beef Karnataka new cow slaughter law to cripple Goa supply

कर्नाटक के नए गौ हत्या कानून से ठप हो जाएगा गोवा में बीफ का धंधा

कर्नाटक के नए गौ हत्या कानून से गोवा में बीफ सप्लाई का रास्ता बंद हो सकता है। गोवा के बीफ आपूर्ति मांस व्यापारियों और विक्रेताओं ने ऐसी आशंका जताई है। बता दें कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को हंगामे के...

Drigraj Madheshia Gerard de Souza, पणजीThu, 10 Dec 2020 11:35 AM
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कर्नाटक के नए गौ हत्या कानून से गोवा में बीफ सप्लाई का रास्ता बंद हो सकता है। गोवा के बीफ आपूर्ति मांस व्यापारियों और विक्रेताओं ने ऐसी आशंका जताई है। बता दें कर्नाटक विधानसभा में बुधवार को हंगामे के बीच गोवंश वध रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक 2020 को पारित कर दिया गया। इस बिल में गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गो-हत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान है। बता दें गोवा में हर दिन लगभग 20 टन गोमांस की खपत होती है।  ज्यादातर पर्यटकों के अलावा 26% कैथोलिक और 11% मुस्लिम आबादी बीफ खाती है।

गोमांस की आपूर्ति के मामले में गोवा कर्नाटक पर निर्भर है। गोवा के लोग उत्तर कर्नाटक के बेलगाम जिले से ताजा गोमांस लाते हैं। वहीं गोवा के एकमात्र अधिसूचित बूचड़खाने में वध के लिए जीवित मवेशियों को यहीं लाया जाता है। जबकि, राज्य की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध मवेशी पर्याप्त नहीं हैं। कुरैशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मन्ना बेपारी गोवा में मांस व्यापार के भविष्य के बारे में चिंतित दिखे। वह कहते हैं,"नए कानून में न केवल मवेशियों के ट्रांसपोर्ट पर प्रतिबंध है बल्कि  जेल का भी प्रावधान है। इससे हमारे पास गोवंश के लिए गोवा में जीवित मवेशियों को लाना असंभव हो जाएगा। 

एक मांस व्यापारी ने कहा, “हम पीढ़ियों से यह व्यवसाय कर रहे हैं। कर्नाटक सरकार का यह बिल हमारे व्यवसाय पर पूरी तरह रोक लगा देगा। हम गोवा सरकार के साथ मिलकर इस अपनी बात रखेंगे।" उन्होंने कहा कि गोवा की लगभग 40% आबादी गोमांस का उपभोग करती है, इसके अलावा मांग पर्यटन उद्योग और होटल और रेस्तरां की भी है, जो मुख्य रूप से विदेशी पर्यटकों को पूरा करते हैं।

गोवा अलग-थलग पड़ा

महाराष्ट्र में कानून पहले से ही सख्त था, लेकिन अब कर्नाटक में भी कानून बदल गया है। महाराष्ट्र और अब कर्नाटक दोनों राज्यों द्वारा मवेशियों के वध पर सख्त कानून लागू करने के साथ गोवा अलग-थलग पड़ गया है।  दोनों राज्यों द्वारा मवेशियों के वध पर सख्त कानून लागू करने के साथ गोवा अलग-थलग पड़ गया है।  बता दें गोहत्या निषेध अधिनियम गोवा गायों के वध को रोकता है, जबकि बैल, नर बछड़ों, नर और मादा भैंस और भैंस के वध की अनुमति देता है, जिनके वध को पशुचिकित्सा सर्जन द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र के अधीन किया जाता है।

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